क़दीम टीले वाली मस्जिद पर मुक़द्दमा की आइन्दा समाअत 28 अक्टूबर को

शहर की एक क़दीम मस्जिद, मस्जिदे टीला शाह पीर मुहम्मद उर्फ़ टीले वाली मस्जिद पर हिंदू के दावा पर लखनऊ की जूनियर जज (सिविल जज) की अदालत में आज मुक़द्दमा की समाअत हुई।

दौरान मुक़द्दमा अदालत को बताया गया कि अभी इस मुक़द्दमा में फ़रीक़ैन को नोटिस ही तामील नहीं हुए हैं। मर्कज़ी हुकूमत को भी इस मुआमले में सुमन तामील नहीं हुआ है। चुनांचे फ़ाज़िल अदालत ने इस मुक़द्दमा की अगली समाअत केलिए 28 अक्टूबर मुक़र्रर की है।

याद रहे लक्ष्मण टीला, नेलशोर्टरसट समेत लक्ष्मण टीला ट्रस्ट से वाबस्ता पाँच हिंदू की तरफ़ से अदालत में ये दर्ख़ास्त गुज़ारी गई है कि ये हिंदू का क़दीम मंदिर है जहां हिंदू पूजापाट करते थे। इस मंदिर को औरंगज़ेब बादशाह ने गिराकर के यहां मस्जिद तामीर करवा दी।

रफ़्ता रफ़्ता मुस्लमानों ने यहां से हिंदू को पूजापाट से बेदखल कर दिया और लक्ष्मण टीला की अराज़ी पर बने बड़े बड़े कुँवें तक हटवा दिए। हालाँकि इस मस्जिद पर हिंदू की जानिब से दो मर्तबा पहले ही दावा किया जा चुका है लेकिन दोनों मर्तबा अदालत ने हिंदू के दावा को रद‌ कर दिया था।

अब जबकि तीसरी मर्तबा ये दावा किया जा रहा है तो मुस्लिम फ़रीक़ की जानिब से बार बार ये इस्तिदलाल पेश किया जा रहा है कि ये साल दो मर्तबा अदालत से मुस्तर्द होचुका है इस लिए इस दावा को तीसरी मर्तबा सुनने का क़तई कोई जवाज़ नहीं है। हिंदू ने अपने दावा में टीला वाली मस्जिद के इमाम मौलाना फ़ज़ल अलरहमान आज़मी-ओ-नदवी यू पी सेंटर्ल वक्फ़ बोर्ड, यू पी हुकूमत, महकमा आसारे-ए-क़दीमा, मर्कज़ी हुकूमत, महकमा आसारे-ए-क़दीमा को फ़रीक़ बनाया है।