क़बरस के बहरी जहाज़ को रीलीज़ पर अलतवा से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने क़बरस के एक तिजारती जहाज़ को जो मुंबई बंदरगाह के क़रीब एक हिंदूस्तानी बहरी जहाज़ से मुतसादिम हो गया था, को दुबारा समुंद्र में जाने पर अलतवा देने से इनकार कर दिया क्योंकि मर्कज़ के मुताबिक़ तसादुम से आख़िर-उज़-ज़िक्र के ढांचा को शदीद नुक़्सान के इलावा 1058 करोड़ रुपये का माली नुक़्सान भी हुआ।

मर्कज़ की दरख़ास्त को मुस्तर्द करते हुए जस्टिस एच एल दिलो और सी के प्रसाद पर मुश्तमिल एक बंच ने अलबत्ता इतना ज़रूर कहा कि इस मुआमला में क़ानूनी नुक़्ता-ए-नज़र के लिए गुंजाइश रखी गई, लेकिन इस मुआमला में और ख़ुसूसी तौर पर इस मरहला में हुकूमत कोई उबूरी हुक्मनामा मंज़ूर नहीं कर सकती।

लिहाज़ा इस मुआमला की समाअत का सिलसिला मज़ीद कुछ अर्सा तक जारी रह सकता है क्योंकि बहरीया को भी इस सिलसिला में अपनी क़तई रिपोर्ट पेश करनी है।