क़ानूनसाज़ कौंसिल की 10 नशिस्तों पर इंतेख़ाब, कांग्रेस के लिए सख़्त इमतिहान

हैदराबाद 28 फ़रव‌री :आंध्र प्रदेश क़ानूनसाज़ कौंसिल के इंतेख़ाबात के मौके पर क़ानूनसाज़ एसम्बली में हक़ीक़ी अददी क़ुव्वत का मुज़ाहरा हुक्मराँ जमात कांग्रेस के लिए एक सख़्त इमतिहान और कठिन आज़माईश साबित होंगे।

क़ानूनसाज़ कौंसिल की 10 नशिस्तें 29 मार्च को मख़लवा होजाएंगी। सबकदोश होने वालों में कांग्रेस के 5 ,तेलुगू देशम के 3 और सी पी आई-ओ-सी पी एम के एक एक रुकन शामिल हैं। मख़लवा नशिस्तों को पुर करने के लिए एसम्बली के अरकान 21 मार्च को वोट देंगे। दस्तयाब रिकार्ड के मुताबिक़ एसम्बली में अगरचे कांग्रेस के 155 अरकान हैं। इस तादाद के एतेबार से वो बह आसानी 5 अरकान को मुंतकिब करवा सकती है लेकिन इस के 8 अरकान एसम्बली मुनहरिफ़ होते हुए अपनी सयासी वफ़ादारियां अब वाई एस आर कांग्रेस से वाबस्ता करचुके हैं।

ताहम तकनीकी एतेबार से अब भी वो कांग्रेस के अरकान की हैसियत से एवान में बरक़रार हैं। इस दौरान कांग्रेस के एक रुकन ने चीफ़ मिनिस्टर के ओहदा पर एन किरण कुमार रेड्डी की बरक़रारी के ख़िलाफ़ एहतिजाज करते हुए अपने ओहदा से अस्तीफ़ा देदिया। इस के बावजूद वो एवान में कौंसल के एएक रुकन को मुंतख़ब करने के लिए 30 तरजीही वोट दरकार होते हैं।

इस सूरत में कौंसिल के 4 अरकान को मुंतख़ब करवाना कांग्रेस के लिए कोई मसला नहीं होगा। कांग्रेस के 8 मालूम मुनहरफ़ैन के अलावा चंद अरकान दीवार की बिल्ली बने बैठे हैं जो अरकान के इंतेख़ाब की कोशिशों में कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं, जिस से ना सिर्फ़ कांग्रेस के पांचवें रुकन का इंतेख़ाब मुश्किल होजाएगा लेकिन इस से एवान में हुक्मराँ जमात की हक़ीक़ी अक्सरीयत भी बेनकाब होजाएगी। एक सीनीयर वज़ीर ने भी इस अंदेशे का इज़हार किया है।

पांचवें रुकन को कामयाब बनाने में कांग्रेस की नाकामी से हुक्मराँ जमात मुश्किलात से दो-चार होसकती है और अप्पोज़ीशन जमातें हुकूमत से स्तीफ़ा का मुतालिबा करने लगेंगी। दूसरी तरफ़ असल अप्पोज़ीशन जमात तेलूगू देशम को भी एसी ही सूरत-ए-हाल का सामना है, जिस के कम से कम 7 अरकान एसम्बली वाई ऐeeस आर कांग्रेस और टी आर उसको इन्हिराफ़ करगए हैं।

तेलूगू देशम पार्टी अपनी ज़ाहिरी 3 नशिस्तों पर कामयाब होसकती है, लेकिन अब उस को भी तीसरी नशिस्त पर कामयाबी के लिए सख़्त जद्द-ओ-जहद करना होगा। इस सूरत-ए-हाल ने वाई एस आर कांग्रेस को फ़ाइदाबख्श मौक़िफ़ में पहूँचा दिया है जो ना सिर्फ़ एक नशिस्त पर बह आसानी कामयाबी हासिल करसकती है बल्कि तोड़ जोड़ के ज़रीया दूसरी नशिस्त भी छीन सकती है।

वाई स आर के ख़ुद अपने 17 अरकान एसम्बली हैं और उस को कांग्रेस और तेलूगू देशम के कम से कम 13 मुनहरफ़ैन की ताईद हासिल है। नीज़ वो मजलिस के 7 अरकान की तवक़्क़ो भी रख सकती है क्योंकि मजलिस हाल ही में हुक्मराँ कांग्रेस से अपने ताल्लुक़ात मुनक़ते करचुकी है। एसम्बली में टी आर एस के भी 17 अरकान हैं और उस को कांग्रेस-ओ-तेलूगू देशम के दो मुनहरफ़ैन की ताईद हासिल है।

तेलंगाना की हामी दीगर ताक़तों की मदद से वो एक नशिस्त पर कामयाबी की तवक़्क़ो कररही है। ताहम हनूज़ ये वाज़िह नहीं होसका हैकि सी पी आई, बी जे पी और एक आज़ाद उम्मीदवार जो तेलंगाना के हामी हैं, मसला तेलंगाना पर टी आर एस के हक़ में वोट देंगे या फिर कोई दूसरी हिक्मत-ए-अमली इख़तियार करेंगे। 10 नशिस्तों के लिए 11 वीं उम्मीदवार के मैदान में उतरने की सूरत में ही राय दही की ज़रूरत होगी बसूरत-ए-दीगर तमाम 10 अरकान बिलामुक़ाबला मुंतख़ब भी होसकते हैं। इन इंतेख़ाबात के लिए 4 मार्च को आलामीया की इजराई के बाद सरगर्मीयों में शिद्दत पैदा होजाएगी।