क़ानून की डिग्री पेशा ही नहीं समाजी बहबूद का हिस्सा : चीफ जस्टिस

चीफ जस्टिस आफ़ इंडिया पी सत्य शेवम ने आज कहा कि क़ानून की तालीम ना सिर्फ़ पेशा वाराना कामयाबी का हथियार है बल्कि ये समाजी बहबूद का हिस्सा भी है।

समाज के महरूम तबक़ा को बा इख़तियार बनाने के लिये क़ानून से इस्तेफ़ादा किया जा सकता है। क़ानून के ग्रैजूएटस को मश्वरह देते हुए जस्टिस शेवम ने कहा कि इस पेशा को सिर्फ़ अपना रोज़गार समझ कर इख़तियार ना करें बल्कि क़ानूनी तालीम के हक़ीक़ी इक़दार पर अमल करें।

क्युंकि ये तालीम समाज की बहबूदी के लिये अहम है। नल्सार यूनीवर्सिटी आफ़ ला में 11 वीं सालाना कन्वेकेशन से ख़िताब करते हुए चीफ जस्टिस आफ़ इंडिया ने कहा कि क़ानून के तलबा अपनी पेशा वाराना ज़िंदगी में कभी भी पैसा और ख़ौफ़ को मुसल्लत होने ना दें। बेखौफ हो कर ज़रूरतमंदों की मदद करें।।