क़ाहिरा, 04 फ़रवरी: मिस्र के दारुल हुकूमत क़ाहिरा में आइन्दा हफ़्ता तंज़ीमी इस्लामी कान्फ़्रैंस की बारहवीं कान्फ़्रैंस मुनाक़िद होरही है। 57 मुस्लिम मुमालिक पर मुश्तमिल ओ आई सी को आलमे इस्लाम में मुत्तहदा ताक़त तसव्वुर किया जा रहा है। अगर चे हिन्दुस्तान में आलमे इस्लाम की जुमला आबादी का 10 फ़ीसद मुसलमानों की आबादी है।
इस के बावजूद हिन्दुस्तान को इस तंज़ीम में रुकनीयत नहीं मिली। कान्फ़्रैंस के दौरान आलमे इस्लाम को दरपेश नए चयालंज्स और बढ़ते मौक़े पर तवज्जो दी जाएगी। इस के इलावा इस्लाम फोबिया से निमटने के लिए इक़दामात किए जाऐंगे। इस्लामी मुल्कों के दरमियान साईंसी और टैकनोलजी तआवुन को फ़रोग़ देने पर ज़ोर दिया जाएगा।
सदर ईरान मुहम्मद अहमदी निजाद इस कान्फ़्रैंस में शिरकत करने के लिए क़ाहिरा का दौरा करेंगे। 1979 के बाद से मिस्र का दौरा करने वाले अहमदी निजाद पहले लीडर होंगे। ईरान के इन्क़िलाबी रहनुमा शाह मुहम्मद रज़ा पहलवी को मिस्र में पनाह दिए जाने के बाद से ताल्लुक़ात कुशीदा थे।
सदर मुहम्मद मुर्सी के बरसर-ए-इक़तिदार आने के बाद ईरान के साथ मिस्र के ताल्लुक़ात बेहतर हुए हैं। इस कान्फ़्रैंस में माली के अंदर तशद्दुद फ़लस्तीन में यहूदीयों की नाजायज़ आबादीयों शाम के बोहरान के इलावा सूडान में जारी अमन मुज़ाकिरात पर भी तबादला-ए-ख़्याल किया जाएगा।
नायब वज़ीर-ए-ख़ारजा उमर रमज़ान के मुताबिक़ इस कान्फ़्रैंस में आलमे इस्लाम के अंदर जंगों और इंसानी ज़िंदगीयों को दरपेश मसाइल-ओ-मसाइब पर भी ग़ौर-ओ-ख़ौस किया जाएगा। रुकन मुमालिक के दरमियान मआशी तआवुन को फ़रोग़ देने पर तवज्जो दी जाएगी।