क़ीमतों में इज़ाफे पर दहश्त ज़दा होने की ज़रूरत नहीं

ज़ख़ीराअंदोजी और कालाबाज़ारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने हिदायत ,मर्कज़ी वज़ीर फाइनेंस का रियासती वुज़रा से ख़िताब

ग़िज़ाई इफ़रात‍-ए‍-ज़ेर में इज़ाफे का ज़ख़ीरा अंदोज़ों को ज़िम्मेदार क़रार देते हुए मर्कज़ी वज़ीर फाइनेंस अरूण जेटली ने आज कहा कि सूरत-ए-हाल दहश्त अंगेज़ नहीं है। उन्होंने रियासती हुकूमतों को हिदायत दी कि क़ीमतों पर क़ाबू पाने केलिए ज़ख़ीरा अंदोज़ों और काला बाज़ार में मुलव्विस अफ़राद के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाये।

उन्होंने कहा कि गुज़िशता साल की बनिसबत पैदावार ज़्यादा हुई है। इस के बावजूद क़ीमतों में इज़ाफ़ा होरहा है।इस का मतलब ये है कि दरमियानी आदमी कहीं और ज़ख़ीरा कररहे हैं।

उन्होंने कहा कि अच्छी हुक्मरानी ज़ख़ीराअंदोजी के ख़ातमे की कसौटी होगी। दरमियानी आदमीयों की जानिब से ज़ख़ीराअंदोजी की हुई अशीया बाज़ार में आजाऐं तो क़ीमतों पर क़ाबू पाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ये सब से बड़ा चैलेंज है।

हर साल जुलाई ता दिसम्बर ज़ख़ीराअंदोजी की वजह से ग़िज़ाई अशीया की क़ीमतों में इज़ाफ़ा होजाता है। जेटली ने कहा कि इत्तेलाआत के बमूजब जारीये साल बारिश मामूल से कम होगी।

ज़ख़ीरा अंदोज़ इस सूरत-ए-हाल से फ़ायदा उठाने की कोशिश कररहे हैं। बाज़ अशीया की क़ीमतें गुज़िशता साल 70 ता 100 रुपये फ़ी किलोग्राम होगई थीं। लेकिन जारीया साल इस से कहीं ज़्यादा कम हैं।

इस लिए सूरत-ए-हाल दहश्त अंगेज़ नहीं है। मर्कज़ी वज़ीर फाइनेंस ने रियासती हुकूमतों को हिदायत दी कि मसले का तजज़िया करें क्योंकि क़ीमतों में इज़ाफ़ा के बाद कार्रवाई से बाज़ार में दहश्त फैल जाएगी।

उन्होंने कहा कि ख़ाम तेल की क़ीमतें इराक़ में कशीदगी की वजह से ज़्यादा होगई हैं। ताहम क़ीमतों में कमी के आसार नज़र आरहे हैं। वो रियासती वुज़रा अग़्ज़िया वो उमूर सारिफ़ीन की कान्फ्रेंस से ख़िताब कररहे थे।

ये कान्फ्रेंस ग़िज़ाई इफ़रात‍-ए‍-ज़ेर पर क़ाबू पाने के इक़दामात के बारे में तबादले ख़्याल केलिए मुनाक़िद की गई थी। इस इजलास में मर्कज़ी वज़ीर अग़ज़ायह राम विलास पासवान और मर्कज़ी वज़ीर-ए-ज़राअत राधा मोहन सिंह ने भी शिरकत की।

जेटली ने कहा कि प्याज़ ,आलू ,दालें ,चावल और दूध की क़ीमतों में मुख़्तलिफ़ वजूहात से इज़ाफ़ा हुआ है। इफ़रात-ए-ज़र गुज़िशता 5 माह की बुलंद तरीन सतह यानी 6.01तक माह मई में अश्या-ए-ज़रुरीया की क़ीमतों में इज़ाफ़ा की वजह से पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि तर्कारीयों ,फलों और ग़िज़ाई अजनास की क़ीमतों में इज़ाफ़ा होगया है। ईदैन के आइन्दा मौसम में क़ीमतों में क़ाबू पाने केलिए अरूण जेटली ने रियासती हुकूमतों पर ज़ोर दिया कि रसद और तल्ब की सूरत-ए-हाल का तख़मीना करें और सरबराही में इज़ाफे केलिए पेशगी इक़दामात को यक़ीनी बनाएं।

उन्होंने रियासती हुकूमतों से ख़ाहिश की कि अच्छी हुक्मरानी की मिसाल क़ायम करें। उन्होंने कहा कि जब पैदावार रिकार्ड सतह पर पहुंच चुकी हैं और सरबराही काफ़ी मिक़दार में हो रही है तो क़ीमतों में इज़ाफ़ा का सवाल ही नहीं पैदा होता। उन्होंने क़ीमतों पर क़ाबू पाने केलिए मर्कज़ और रियासतों के दरमियान हम आहंगी से कार्रवाई करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और कहा कि इस सिलसिले में एक मुशतर्का लायेहा-ए-अमल तैयार किया जाएगा|