क़ुरआन‍ ‍व सुन्नत पर अमल पैरा होने की तलक़ीन

कोड़ंगल २९ दिसम्बर: (सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़) जमीतुल् उल्मा कोड़ंगल के ज़ेर-ए-एहतिमाम मस्जिद उम्र बिन ख़िताब मुदर्रिसा अरबिया दार-उल-उलूम में 2 बजे दिन जलसा इस्लाह मुआशरा का इनइक़ाद अमल में आया। मौलाना मुहम्मद इलयास क़ासिमी जनरल सैक्रेटरी जमीतुल् उल्मा-महबूबनगर ने जलसा की सदारत की। मौलाना मुहम्मद यामीन क़ासिमी मबलग़ दार-उल-उलूम देवबंद, मौलाना हाफ़िज़ ग़ुलाम मुहम्मद मज़ाहरी नाज़िम मुदर्रिसा तर्बीयत अलबनात मकथल, मौलाना हाफ़िज़ मुहम्मद ख़ालिद रशादी बानी-ओ-नाज़िम मदर्सा सफ़तल सालिहीन महबूबनगर-ओ-ख़तीब मस्जिद रफ़ी दावर शमसाबाद, हैदराबाद ने बहैसीयत मेहमानान ख़ुसूसी शिरकत की। मौलाना हाफ़िज़ मुहम्मद ख़ालिद रशदी ने मुख़ातब करते हुए मुआशरा की इस्लाह के लिए क़ुरआन-ओ-सुन्नत पर सख़्ती से अमल पैरा होने की तलक़ीन की। मौलाना ग़ुलाम मुहम्मद मज़ाहरी ने अपने ख़िताब में मुआशरा की इस्लाह-ओ-सुधार के लिए हर मुहल्ला में एक कमेटी की तशकील पर ज़ोर दिया ताकि मुहल्ला के नौजवानों की बेराह रवी पर नज़र

रखी। जो बिन् ब्याही लड़कीयां घरों में मौजूद हैं कमेटी उन के लिए मौज़ूं रिश्ते तलाश करके उन का निकाह बगै़र किसी लेन देन करवा दे। मौलाना ने नौजवानों पर ज़ोर दिया कि दावत-ओ-तब्लीग़ के ज़रीया होने वाली मेहनत मैं ख़ुद भी हिस्सा लें और साथीयों को भी तरग़ीब दें। आज जो दीनी मदारिस का जाल जगह जगह बिछा हुआ है इस को नेअमत ख़ुदावंदी जानें। दार-उल-उलूम देवबंद से आए हुए मेहमान ख़ुसूसी मबलग़ दार-उल-उलूम देवबंद मौलाना मुहम्मद यासमीन क़ासिमी ने अपने ख़िताब में कहाकि हिंदूस्तान में मुस्लमानों की कोई पहचान-ओ-अलामत नहीं है। सिखों ने अपनी अलामत-ओ-पहचान बनाई है। आज हर जगह वो अपनी मख़सूस मज़हबी पहचान बनाए हुए हैं। कोई भी उन्हें उन के रास्ते से रोक नहीं सकता। मुस्लमानों पर ज़ोर दिया गया कि आज के इस पुराशोब दौर में वो क़ुरआन-ओ-सुन्नत पर अमल करते हुए अपनी इस्लामी पहचान बनाये। नीज़ मौलाना ने सहाबा ए कराम् की

क़ुर्बानीयों के वाक़ियात पर तफ़सीली रोशनी डाली। ज़ोर दिया गया कि सहाबा को ईमान क़ुर्बानीयों के साथ मिला था। आज हम बगै़र क़ुर्बानी के मुस्लमान हो गये। सदर जलसा मौलाना मुहम्मद इलयास क़ासिमी ने जमीतुल् उलमाए हिंद की कारकर्दगी-ओ-तआरुफ़ पर तफ़सीली रोशनी डाली। मौलाना ने मुस्लिम तहफ़्फुज़ात के मसला पर ख़्यालात का इज़हार करते हुए कहाकि जमीअৃ अलालमा-ए-मुस्लिम तहफ़्फुज़ात के लिए मुसलसल कोशां है ताकि आम मुस्लमान इस से मुस्तफ़ीद हूँ। आख़िर में मौलाना ने 5जनवरी को निज़ाम कॉलेज ग्रांऊड हैदराबाद में मुनाक़िद होने वाले इजलास आम मे आम्तुल मुस्लिमीन से शिरकत पर ज़ोर दिया। अहम शुरका मैं मसरज़ ताहिर उद्दीन, हुस्न बन अहमद, महमूद राही, साहिब दाद ख़ान, हाफ़िज़ मुहम्मद यूसुफ़, शेख़ मुख़तार अहमद सिद्दीक़ी वग़ैरा काबिल-ए-ज़िकर हैं। मौलाना हाफ़िज़ मुहम्मद अबदुल बासित रशादी सदर जमीतुल् उल्मा कोड़ंगल ने जलसा की कार्रवाई चलाई और शुक्रिया अदा किया। असातिज़ा हाफ़िज़ मुहम्मद नसीर अहमद सिराजी-ओ-कलाम रब्बानी वग़ैरा ने इंतिज़ामात की रास्त निगरानी की।