क़ुरआन की तिलावत ना करने पर लड़की को ज़द‍ ओ‍ कूब ( मारना)

लंदन में एक मुस्लिम ख़ातून को गुज़शता ( गुजरा हुआ) रमज़ान के मुक़द्दस माह के दौरान क़ुरआन मजीद की तिलावत पूरी ना करने पर 10 साला लड़की को ज़द ओ कोबी (मारने पीटने) के इल्ज़ाम में जेल की सज़ा का सामना हो सकता है। अस्नारीस्ब्रोक कराउन कोर्ट में मुक़द्दमा के दौरान 31 साला आसीया प्रवीन जो इस वाक़्या के वक़्त पाँच माह की हामिला थी , अपनी 10 साला बेटी को लोहे की सलाख से ज़ख्म पहुँचाए और इस के इलावा ( अतिरिक़्त) हाथों के बल चार घंटे तक खड़े रहने पर मजबूर किया।

लड़की की शनाख़्त को क़ानूनी वजूहात की बिना पर पोशीदा रखा गया है। रमज़ान उल-मुबारक में ये लड़की रात 10 बजे अपने घर से फ़रार हो गई थी। चार घंटों बाद ये लड़की मशरिक़ी लंदन के बस स्टाप पर पुलिस को तन्हा दस्तयाब हुई। इसके बाद इसे दवाख़ाना मुंतक़िल किया गया ( पहुँचाया गया) । डाक्टरों ने इसके जिस्म ( शरीर) पर ज़ख्मों के 56 निशान पाए।

परवीन जो तीन बच्चों की माँ है, ने तस्लीम किया कि ये ज़ख्म उस की मारपीट से आए हैं। गुज़शता साल 15 अगस्त को रमज़ान उल-मुबारक के दौरान परवीन और इसकी बेटी के दरमयान क़ुरआन मजीद की तिलावत के मसला पर बहस-ओ-तकरार शुरू हुई थी। कमसिन लड़की क़ुरआन की तिलावत ना करने की ज़िद कर रही थी।

अदालत ने इस केस की 15 जून को दूसरी समाअत ( तारीख/ सुनवाई) मुक़र्रर की है।