क़ुरान मजीद की एक आयत के जबानी याद करना हर मुसल्मान व्यक्ती का कर्तव्य है और पूरे क़ुरान मजीद का जबानी याद करना फ़र्ज़ किफ़ाया है और सूरत फ़ातिहा और एक दूसरी छोटी सूरत या इस के बराबर तीन छोटी आयतें या एक बड़ी आयत का हिफ़्ज़ वाजिब एन है ।
इन ख़्यालात का इज़हार साबिर एजूकेशनल सोसाइटी मुग़ल पूरा में मुनाक़िदा जल्सा ख़त्म क़ुरान मजीद से हाफ़िज़ मुहम्मद साबिर पाशाह कादरी ने किया जिस की निगरानी जनाब सय्यद फहीम आरिफ़ कादरी सदर नशीन सोसाइटी हीज़ा ने की ।।