इन्सपेक्टर आफ़ पुलिस गोलकेंडा पुलिस स्टेशन सय्यद नीइम उद्दीन जाविद की परेशानियों में लगता है मज़ीद इज़ाफ़ा होने वाला है।
तारीख़ी मुक़ामात और पार्कों में लड़कों के साथ घूमते हुए पकड़ी जाने वाली लड़कियों को बरसर-ए-आम उठ बैठ कराने की सज़ा देने का मुआमला अब दिल्ली तक पहुंच चुका है और क़ौमी कमीशन बराए ख़वातीन की इस मसला में मुदाख़िलत के इमकानात को मुस्तर्द नहीं किया जा सकता चूँकि शहर की हक़ूक़-ए-इंसानी की कुछ तनज़ीमें लोकायुक्त के अलावा क़ौमी कमीशन बराए ख़वातीन से रुजू हुई हैं।
पिछ्ले दिनों से सोश्यल मीडिया पर एक वीडियो कल्पि गशत कररही है जिस में दिखाया गया कि किस तरह गोलकेंडा पुलिस ने गुम्बदाने क़ुतुब शाही और इस से मुंसलिक बाग़ में एक साथ पाए जाने वाले लड़के और लड़कियों को पकड़ कर बरसर-ए-आम सज़ा दी और लड़कों के अलावा बुर्क़ापोश नौजवान लड़कियों को भी उठ बैठ करने पर मजबूर किया गया।
इंटरनेट इस्तिमाल कुनुन्दगान इस मसले पर वाज़िह तौर पर दो ग्रुपस में मुनक़सिम होगए। एक ग्रुप इन्सपेक्टर पुलिस और पुलिस अमला की ताईद में कूद पड़ा तो दूसरा ग्रुप, पुलिस की इस हरकत पर सख़्त तन्क़ीदें करने लगा।
दो दिन बाद ही क़ौमी और रियासती ज़राए इबलाग़ में इस मसले को उछाला गया जिस का कुछ तनज़ीमों ने नोट लेते हुए गोलकेंडा पुलिस की मोरल पोलिसिंग (अख़लाक़ी कार्रवाई) को हदफ़ तन्क़ीद बनाते हुए मुख़्तलिफ़ सरकारी इदारों और आला पुलिस हुक्काम से शिकायत भी की है।
मालूम हुआ हैके इस ख़सूस में शहर की एक समाजी जहद कार ने लोकायुक्त और क़ौमी कमीशन बराए ख़वातीन को तहरीरी मह्ज़र रवाना करते हुए क़ानून नाफ़िज़ करने वालों की तर से ही क़ानून की ख़िलाफ़वरज़ी करते हुए अपने तौर पर सज़ा तजवीज़ करने वाले मुताल्लिक़ा पुलिस इन्सपेक्टर के ख़िलाफ़ सख़्त तादीबी कार्रवाई करने का मुतालिबा किया है।
क़ौमी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी इस मसले को ख़ूब उछाला गया। इस ख़सूस में नुमाइंदा सियासत ने रुकने क़ौमी कमीशन बराए ख़वातीन समीना शफीक से रब्त पैदा करने पर उन्होंने बताया कि उन्हें भी इस वाक़िये की इत्तिला मिली है।
उन्होंने कहा कि इन्सपेक्टर पुलिस की ये कार्रवाई बिलकुल्लिया तौर पर नाक़ाबिल-ए-बर्दाश्त है। उन्होंने इस्तिफ़सार किया कि हम किस सदी में ज़िंदगी बसर कररहे हैं। आज हम एक एसे माहौल में हैं जहां दस्तूरे हिंद के तहत हर शहरी को इज़हार ख़्याल की आज़ादी हासिल है और घूमने फिरने की आज़ादी हासिल है।
उन्होंने बताया कि नौजवान लड़के और लड़कियां अवामी मुक़ामात पर अगर गैर अख़लाक़ी हरकत करते हुए पाए भी जाएं तो पुलिस को उनके ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दर्ज करते हुए क़ानून के मुताबिक़ कार्रवाई करनी चाहीए थी।
पुलिस को किसी भी एतेबार से ये हक़ नहीं पहुंचता कि वो अज़ ख़ुद सज़ा तजवीज़ करे। उन्होंने कहा कि अगर कोई लड़की आगे आते हुए कमीशन में शिकायत दर्ज करवाती है तो कमीशन फ़ौरी कार्रवाई करेगा।
उन्होंने कहा कि ये एक एसी हरकत है जिस पर नरभए एक्ट के तहत कार्रवाई करने का हुक्म दिया जा सकता है और इन्सपेक्टर को कमीशन के रूबरू हाज़िर होने की हिदायत दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि उन्हें भी वीडियो मौसूल हुआ है।
समीना शफीक ने कहा कि मुक़ामी पुलिस हुक्काम इन्सपेक्टर के ख़िलाफ़ अज़ ख़ुद कार्रवाई करते हुए एफ आई आर दर्ज करसकते हैं। कमीशन के ज़राए ने ये भी इशारा दिया है कि कमीशन इस मसले पर अपनी एक टीम हैदराबाद भी रवाना करसकता है।