क़ौमी पसमानदा तबके ने मांगा पसमानदा जातियों के लिए 27% से ज़्यादा रिजर्वेशन

क़ौमी पसमानदा तबका कमीशन का मानना है कि पसमानदा तबके में जातियों की तादाद बढ़ी है, इसलिए 27 फीसद से ज़्यादा रिज़र्वेशन देने की जरूरत है। पहले से रिज़र्वेशन का फाइदा ले रही पसमानदा जातियां, जो डेवलप हो चुकीं हैं, इनकी पहचान कर हटाया भी जाना चाहिए।

कमीशन के सदर जस्टिस बी ईश्वरैया ने जुमा को सहाफ़ियों से कहा कि जो तालीमी, सामाजिक व इक़्तेसादी तौर से पसमानदा हैं, उन्हें ही रिज़र्वेशन का मिले। उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में भी इन तबकों को रिज़र्वेशन का फाइदा मजबूती से दिलाने की जरूरत है।

दो दिनों की अवामी सुनवाई के बाद कमीशन ने तय किया कि चार जातियों-गोड़, गौड़, गोंडे व खतवे को पसमानदा जाति की फेहरिस्त से हटाने की सिफ़ारिश मरकज़ी हुकूमत को कर दी जाएगी। ये जातियां अब एससी-एसटी तबके में शामिल की जा चुकी हैं। मरकज़ की पसमादा तबके की फेहरिस्त में बिहार में 24 जातियों को शामिल करने के सिलसिले में उन्होंने कहा कि फकीर या दिवान या गदार मुस्लिम और छीपी जाति काफी पिछड़े हैं, इसलिए इनकी सिफ़ारिश यकीन तौर पर कर दी जाएगी।

बिहार में 156 पसमानदा-इंतेहाई पसमानदा जातियां

कमीशन के मेम्बर डॉ. शकीलुज्जमा अंसारी ने कहा कि मरकज़ की पसमानदा तबके की फेहरिस्त में बिहार में 134 जातियों के नाम शामिल हैं। जबकि रियासती हुकूमत की फेहरिस्त के तहत इंतेहाई पसमानदा जाति के 122 और पसमानदा जाति के 44 नाम हैं। यानी बिहार में पसमानदा-इंतेहाई पसमानदा तबके में 156 जाति के नाम शामिल हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल यह तादाद बढ़कर 2400 हो गई पर रिज़र्वेशन की सीमा 27 फीसद ही रही।

कोड़ा के चार बैंकों के 11 खाते सील, 27 लाख रुपए हैं जमा

रांची 29 नवंबर : ईडी ने साबिक़ वजीरे आला मधु कोड़ा के चार बैंकों के 11 खाते जुमा को सील कर दिए। इन तमाम बैंक खाते में 27 लाख 37 हजार,167 रुपए जमा हैं। जिन बैंकों के खाते सील किए गए हैं, उनमें इलाहाबाद बैंक रांची, बैंक ऑफ इंडिया चक्रधरपुर, भारतीय स्टेट बैंक गुवा और बैंक ऑफ इंडिया जगन्नाथपुर शामिल हैं। ईडी की रांची और पटना टीम ने यह कार्रवाई की।