क़ौमी बी सी कमीशन के रूबरू मुसलमानों की नुमाइंदगी मायूसकुन

क़ौमी सतह पर पसमांदा तबक़ात की फ़ेहरिस्त में मुख़्तलिफ़ तबक़ात की शमूलीयत का जायज़ा लेने के लिए नेशनल कमीशन फ़ॉर बैकवर्ड क्लासेस की हैदराबाद में तीन रोज़ा अवामी समाअत का आज इख़तेताम अमल में आया।

मुसलमानों को मर्कज़ के बी सी ज़मुरा में शामिल करने के सिलसिला में नुमाइंदगीयाँ ग़ैर इतमीनान बख़्श और मायूसकुन रहीं हत्ता कि तेलंगाना हुकूमत की जानिब से किसी ने मुसलमानों को तहफ़्फुज़ात के हक़ में नुमाइंदगी से गुरेज़ किया जबकि टी आर एस हुकूमत मुसलमानों को 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने का वाअदा कर चुकी है।

कमीशन ने गुज़िश्ता दो दिनों में बी सी ज़मुरा के उन तबक़ात के दावों की समाअत की जो ए ता डी ज़मुरा के तहत रियासत में शामिल हैं और मर्कज़ी फ़ेहरिस्त में शमूलीयत के ख़ाहां हैं।

अवामी समाअत के आख़िरी दिन आज बी सी ई ज़मुरा के तहत इन 14 तबक़ात की समाअत मुक़र्रर की गई थी जिन का ताल्लुक़ मुसलमानों से है। समाजी, तालीमी और मआशी पसमांदगी की बुनियाद पर जिन 14 मुस्लिम तबक़ात को तहफ़्फुज़ात फ़राहम किए गए उन से नुमाइंदगीयाँ तलब की गई थीं ताकि मर्कज़ी बी सी लिस्ट में उन की शमूलीयत का जायज़ा लिया जा सके।

ज़राए का कहना था कि कमीशन को तहरीरी तौर पर जो याददाश्त पेश की जाती है इस का बहुत कम ही जायज़ा लिया जाता है क्योंकि अवामी समाअत में दलायल की पेशकशी और कमीशन के शुबहात का जवाब देना अहमीयत का हामिल है और यही कमीशन की कारकर्दगी के रिकार्ड में शामिल होता है