क़ौमी सलामती मसाइल पर सियासतदानों की अदम दिलचस्पी

हैदराबाद 20 नवंबर: हिन्दुस्तान में सियासतदानों की अक्सरीयत को क़ौमी सलामती के मसाइल में दिलचस्पी नहीं होती जबकि मुसल्लह फोर्सेस मुसलसल वज़ारत-ए-दिफ़ा से नाराज़ होती जा रही हैं और इस का मनफ़ी नतीजा बरामद हो रहा है। बहरीया के साबिक़ सरबराह एडमीरल अरूण प्रकाश ने ये बात कही।

उन्होंने दिफ़ा पर स्टैंडिंग कमेटी की सिफ़ारिशात में हिन्दुस्तानी सियासतदानों के रवैये को नुमायां किया गया है। उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी उमोर पर पारलीमानी बेहस से बिलकुल ना होने या उसे नजरअंदाज़ करने का रुजहान दरुस्त नहीं। वो कॉलेज आफ़ डीफेंस मैनेजमेंट में क़ौमी सेमीनार से ख़िताब कर रहे थे।

उन्होंने ओ आर ओ पी स्कीम के ख़िलाफ़ साबिक़ा फ़ौजीयों के एहतेजाज और मेडलस वापिस या उन्हें नज़र-ए-आतिश करने की हिमायत नहीं की और कहा कि एसे मसाइल पर हुकूमत के साथ बातचीत या उन्हें अपने मुतालिबात मनवाने के लिए मजबूर करने के साथ साथ अदालत का रास्ता इख़तियार किया जा सकता है।