क़ौमी सेहत इंसुरेंस में 11 नये पेशावाले भी होंगे शामिल

सूबे में आरएसबीवाइ साल भर से ठप है। अब नये सिरे से तैयार किये जा रहे क़ौमी सेहत इंसुरेंस के कवरेज में करीब डेढ़ करोड़ लोग शामिल होंगे। देही और शहरी बीपीएल खानदान को दिये जानवाले फायदे की तौसिह किया जा रहा है। अब इसमें 11 नये पेशावाले गैर मुंजिम सेक्टर के मजदूरों को भी शामिल किया जा रहा है।

पीर को लेबर वसायल महकमा के सेक्रेटरी की सदारत में शरीक अदारों के साथ बैठक कर आगे की पॉलिसी तैयार की जायेगी।

बिहार रियासत मजदूर बोहबुद कमेटी के मशवराती डॉ आरके चौधरी ने बताया कि पहली बार हेल्थ कार्ड के तहत बीपीएल खानदानों के अलावा मनरेगा मुलाज़िमीन, फेरीवाले-ठेलावाले, सफाईकर्मी, कूड़ा चुननेवाले, रिक्शा ड्राइवर, ऑटो रिक्शा और टैक्सी ड्राइवर, बीड़ी कामगार, इमारत तामीर मजदूर (राजमिस्त्री, रेजा समेत दीगर लोग), रेलवे कुली, पत्थरकट्टी करनेवाले मजदूर और घरेलू नौकर-दाई के भी हेल्थ कार्ड तैयार होंगे। इससे उन्हें भी क़ौमी सेहत इंसुरेंस का फाइदा मिल सकेगा। ये तमाम मजदूर पहली बार इस मंसूबा के तहत शामिल होंगे। इसे अमली तौर से देने के लिए मजदूर वसायल महकमा पीर को सेहत महकमा , देही तरक़्क़ी महकमा, शहर तरक़्क़ी महकमा, ट्रांसपोर्ट महकमा , मजदूर वसायल महकमा, रेलवे, माइंस और कानकुनी महकमा, पंचायती राज महकमा और समाज बोहबुद महकमा के ओहदेदारों के साथ बैठक करेगा। इसमें इस बात पर गौर किया जायेगा कि फाइदा लेने वालों के लिए तैयार किया जानेवाला हेल्थ कार्ड कब से तैयार किये जायेंगे।

साल 2013 के जुलाई-अगस्त से ही एक-एक कर जिलों के बीपीएल मरीजों के लिए करायी गयी इंसुरेंस मुद्दत खत्म होने लगी थी। नयी मंजूरी हुई नहीं। इस तरह इस साल मार्च-अप्रैल तक पूरे रियासत के बीपीएल खानदानों का इंसुरेंस खत्म हो चुका है। अब लेबर वसायल महकमा ने क़ौमी सेहत इंसुरेंस का फाइदा देने के लिए एजेंसियों का मुंतखिब कर लिया है। टेंडर भी फाइनल हो गया है। सर्विस देनेवाली एजेंसियों का मुंतखिब किया जा चुका है। इन एजेंसियों को नया सेहत कार्ड तैयार कराना है। उम्मीद है कि दिसंबर तक तमाम लोगों के सेहत कार्ड तैयार कर लिये जायेंगे और अगले साल जनवरी से इसका फाइदा मिलने लगेगा। मालूम हो कि इंसुरेंस एजेंसियों की तरफ से मुखतलिफ़ जिलों में कायम प्राइवेट अस्पतालों को इलाज के लिए रजिस्तेर्ड किया जाता है। साथ ही उसकी लिस्ट जारी की जाती है, जहां पर बीमार होने पर हेल्थकार्ड के खानदान जाकर इलाज करा सकें। फाइदा लेने वालों के इलाज के लिए इंसुरेंस रकम दी जाती है।

चार एजेंसियों को मिली जिम्मेवारी

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