क़ौम-ओ-मिल्लत की तरक़्क़ी के लिए इलम-ओ-हुनर का सब से अहम रोल

महबूबनगर 08 मार्च: क़ौमों की तरक़्क़ी और मिल्लत का इस्तेहकाम और इस के उरूज-ओ-ज़वाल में इलम-ओ-हुनर को हमेशा एक इमतेयाज़ी हैसियत हासिल रही है और तारीख़ गवाह है कि जब भी मुस्लमान इस मैदान में काम होने का शिकार हुवे ज़िल्लत-ओ-रुस्वाई उस का मुक़द्दर बन गई जबकि इस्लाम ने दुनियाए इन्सानियत पर एक अज़ीम एहसान करते हुए इलम और तहज़ीब-ओ-तमद्दुन और अख़लाक़ी इक़दार से रोशनास करवाया और मुस्लमान जबतक उस के हामिल थे पूरी दुनिया पर उन्होंने इक़तिदार और इलम के ज़रीये बेहतरीन हुक्मरानी की और इमामत-ओ-क़ियादत उनका मन्सब रहा मगर ये भी एक हक़ीक़त है कि यूरोप ने इलमी दुनिया पर जब क़बज़ा किया तो मुसलमानों के कमी का आग़ाज़ हुआ और स्पेन हमारे कमी की सबसे पहली इब्तिदा है।

महबूबनगर में जामा सिराज उल-उलूम एजूकेशनल ट्रस्ट के ज़ेरे एहतेमाम एम एस क्रिएटिव (किड्स) स्कूल के इफ़्तेताह के बाद मुदर्रिसा सिराज उल-उलूम में मुनाक़िदा एक तक़रीब को मुख़ातिब करते हुए ज़ाहिद अली ख़ान ने इन ख़्यालात का इज़हार किया।

रुकने पार्लियामेंट महबूबनगर एपी जतिंद्र रेड्डी और रुकने असेंबली महबूबनगर श्रीनिवास गौड़ ने रिबन काट कर स्कूल का इफ़्तेताह किया और एक आला मयारी स्कूल के आग़ाज़ पर ख़ुशी का इज़हार करते हुए इंतेज़ामीया को मुबारकबाद पेश की। ज़ाहिद अली ख़ान एडिटर सियासत जो इस जलसे में मेहमान-ए-ख़ोसूसी की हैसियत से शरीक थे अपनी तक़रीर जारी रखते हुए कहा कि पुलिस एक्शण से पहले सिर्फ़ तेलंगाना में चार हज़ार से ज़ाइद सरकारी स्कूल थे मगर आज उस की तादाद इंतेहाई कम हो गई है और जो बाक़ी है वो बड़ी काबिल-ए-रहम हालत में है , उन्होंने एम एस ग्रुप को महबूबनगर में स्कूल के आग़ाज़ पर मुबारकबाद देते हुए कहा कि इस हक़ीक़त से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि मुसलमानों के लिए किसी भी मैदान और शोबा-ए-हियात में दरवाज़े बंद नहीं है बल्कि हमें अपनी भरपूर सलाहीयतों का मुज़ाहरा करते हुए कम्पटीशन के इस दौर में आगे बढ़ना है, ज़ाहिद अली ख़ान ने इदारा सियासत की तरफ से की जाने वाली तालीमी कोशिशों का अहाता करते हुए कहा कि कई स्टूडेंट्स को सियासत की तरफ से स्कालरशिपस और तालीमी इमदाद के ज़रीये आई टी और आला तालीम में दाख़िले की राह हमवार की।

उन्होंने कहा कि लड़कीयां अपनी क़ाबिलीयत और सलाहीयत के साथ आगे बढ़ने का जज़बा लेकर जब उनसे रुजू होती हैं तो वो उनकी हर तरह से मदद और रहनुमाई करते हुए एक तरह की ख़ुशी महसूस करते हैं मगर अफ़सोस इस बात का होता है कि लड़कों के मुक़ाबिले में लड़कीयां आगे आरही हैं और हमारे लड़के रात देर गए तक बाहर चबूतरों पर बैठ कर गपबाजी करते हुए अपने औक़ात का ज़या कर रहे हैं।

ज़ाहिद अली ख़ां ने सियासत की मिली ख़िदमात का तज़किरा करते हुए कहा कि हमने सियासत की तरफ से परगी , विकाराबाद के क़रीब 5 एकऱ् अराज़ी हासिल की ताके इस तरह बेसहारा ज़ईफ़ बुज़ुर्गों के लिए अपनाईयत वाले माहौल के साथ तमाम-तर सहूलतों की मौजूदगी में उन्हें सहारा दे सकें।

ज़ाहिद अली ख़ान ने शादी बियाह में फुज़ूलखर्ची और इसराफ़ के ख़िलाफ़ में अवाम में बेदारी पर-ज़ोर देते हुए कहा कि इस तरह के तालीमी इन्क़िलाब के ज़रीये समाज में सुधार और इस्लाह लाई जा सकती है। ज़ाहिद अली ख़ान ने सिराज उल-उलूम ट्रस्ट और एम एस ग्रुप को मुबारकबाद पेश करते हुए तवक़्क़ो ज़ाहिर की के महबूबनगर में इस का आग़ाज़ यहां की नई नसल की कामयाबी और उनके रोशन मुस्तक़बिल का ज़ामिन होगा।