हैदराबाद 25 जुलाई: मुल्क को चाहीए कि वो सिक्योरिटी फोर्सेस का साथ दें ना कि दहश्तगरदों का। बीजेपी जनरल सेक्रेटरी राम माधव ने ये बात कही जबकि वादी कश्मीर में हिज़्ब उल-मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वाणी की हलाकत के बाद से तशद्दुद का सिलसिला चल रहा है जिसमें 46 लोग अब तक अपनी जान गंवा बैठे हैं। उन्होंने कहा कि 1994 में एक मुत्तफ़िक़ा क़रारदाद पार्लियामेंट में मंज़ूर हुई थी कि हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के माबैन वाहिद मुतनाज़ा मसला कश्मीर का है।
हम अपनी बीजेपी पीडीपी हुकूमत से कहते हैं कि जब बात हिन्दुस्तान और पाकिस्तान की आती है तो इस का कोई रोल नहीं होता है। इस मसले से हुकूमत-ए-हिन्द निमटेगी। हम सबको ये समझने की ज़रूरत है के हमारा मुतनाज़ा मसला कश्मीर नहीं है। ये हमारा है। जब वो ये कहते हैं कि ये हमारा है तो ये सिर्फ़ जुग़राफ़ियाई एतबार से नहीं है बल्के आबादी के एतबार से भी है। जब वो ये कहते हैं कि कश्मीर हमारा है तो कश्मीर के अवाम भी हमारे हैं। ये पयाम बहुत वाज़िह होजाना चाहीए।
उन्होंने कहा कि अगर आज कुछ नौजवान ग़लत राह पर हैं तो हम उन्हें सीधी राह पर ले आएँगे। हम में यक़ीन रखिए। मक़बूज़ा कश्मीर के अवाम भी हमारे हैं। हमको वो हासिल करना है। लेकिन हमारा मसला ये है कि मीडिया स्टूडीयोज़ ( टीवी चैनल्स ) में वाणी हमारा आदमी होता है रियासत के अम्न पसंद अवाम नहीं। कुछ लोग हो सकता है कि पुरतशद्दुद रवैया इख़तियार करते हूँ लेकिन अक्सरीयत अम्न पसंद अवाम की है।