क़ज़ाफ़ी के आख़िरी गढ़ पर भी हुक्मराँ कौंसल का क़बज़ा

बनी वलीद। 23 सितंबर (राईटर) लीबिया की उबूरी हुक्मराँ कौंसल ने कहा है कि उन्हों ने सहारा रेगिस्तान में मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के आख़िरी क़िला पर क़बज़ा करलिया है, जहां उन्हें कीमीयाई असलाह हासिल हुए हैं। उबूरी कौंसल को कल उस वक़्त नेअमत ग़ैर मुतरक़्क़बा हाथ लगी जब उन्हें ये पता चला कि लीबिया के सैंटर्ल बैंक में क़ज़ाफ़ी ने 23 अरब डालर छोड़ रखे हैं जो किसी भी मद पर ख़र्च नहीं किए गए । ये इत्तिला फ़ीनानशील टाईम्स ने लंदन और तरह बुल्स के ओहदेदारों के हवाले से दी ही। हुक्मराँ कौंसल पर उस वक़्त सब से बड़ा दबाओ पूरे मुल्क पर कंट्रोल हासिल करने और लीबिया की मईशत नीज़ माली इदारों के अहया का है जो तवील अर्सा से तशद्दुद के दौरान तबाही के दहाने पर पहुंच चुके हैं। कौंसल के फ़ौजी तर्जुमान ने बताया कि फ़ौज ने तरह बुल्स से 700 किलोमीटर जुनूब मशरिक़ में जफ़रा-ए-के इलाक़े और सुबहा के बेशतर इलाक़ों पर क़बज़ा करलिया ही। कौंसल के तर्जुमान ने नामा निगारों को बताया कि जफ़रा-ए-का पूरा इलाक़ा क़ज़ाफ़ी की हामी फ़ौजीयों से आज़ाद करा लिया गया है। उन्हों ने मज़ीद कहा कि वहां कीमीयाई असलाह का ज़ख़ीरा अब हमारे फ़ौजीयों के क़बज़ा में है। इन के ब्यानात की आज़ादाना तौर पर तसदीक़ नहीं होसकी । वाज़िह रहे कि लीबिया को मग़रिबी ममालिक के साथ मुसालहत के तौर पर कीमीयाई असलाह के ज़ख़ीरे और अपने न्यूकलीयाई प्रोग्राम को ख़तन कर देना था।