सदर फ़्रांस नकोलस सरकोज़ी ने इस ख़बर को तौहीन अंगेज़ क़रार दिया है कि लीबिया के माज़ूल क़ाइद मुअम्मर क़ज़ाफ़ी ने उन्हें बरसर इक़्तेदार आने में मदद की पेशकश की थी।ये बात सदारती इंतेख़ाबात से एक हफ़्ता क़ब्ल सामने आई है।
सरकोज़ी ने कहा कि उन्हें वेबसाइट मीडीया पार्ट के इस इन्केशाफ़ से सदमा हुआ कि लीबा के साबिक़ खु़फ़ीया सर्विस दस्तावेज़ में क़ज़ाफ़ी की हुकूमत को इस बात के लिए मौरिद इल्ज़ाम ठहराया गया है कि हुकूमत ने सरकोज़ी की 2007 की इंतेख़ाबी मुहिम में रक़म लगाने का फ़ैसला किया था।
सरकोज़ी ने कहा कि जिस इत्तेहाद ने क़ज़ाफ़ी की हुकूमत इक़्तेदार से बेदखल की इस का सरबराह कौन था फ़्रांस । क्या आप समझते हैं कि अगर क़ज़ाफ़ी ने मुझ पर कोई एहसान किया होता तो मैं इन की माज़ूली की कोशिश करता।
सरकोज़ी ने कहा ये बहुत बेइज़्ज़ती की बात है ,ये मन घड़त है । उन्होंने वेबसाइट पर इल्ज़ाम आइद कि वो बाएं बाज़ू के लिए काम कर रहे है। मीडीया पार्ट ने 2006 की एक दस्तावेज़ की नक़ल शाय की है जो अरबी में है।
इस पर क़ज़ाफ़ी के साबिक़ खु़फ़ीया एजेंसी के सरबराह मूसा को साके दस्तख़त में जिस में कहा गया है कि सरकोज़ी की इंतेख़ाबी मुहिम के लिए पाँच करोड़ डालर देगी।
सरकोज़ी इन इल्ज़ामात की बार बार तरदीद करते हैं कि वो क़ज़ाफ़ी के बेहद क़रीब थे जिन्हें 2007 मैं पेरिस में मदऊ किया था कि उन्हें सदारती महल के बराबर में बद्दूओं की तरह ख़ेमा लगाकर रहने की इजाज़त दी गई थी।