हुबली ०३ जनवरी (एजेसीज़) कर्नाटक के वज़ीर बहबूदी ख़वातीन-ओ-इतफ़ाल सी सी पाटल ने डायरेक्टर जनरल पुलिस आंधरा प्रदेश दिनेश रेड्डी के तबसरा की हिमायत करते हुए कहा कि वो शख़्सी तौर पर ख़वातीन के इश्तिआल अंगेज़ कपड़े पहनने के हक़ में नहीं।
वो समझते हैं कि ख़वातीन को बावक़ार अंदाज़ में मलबूसात पहनना चाहीए। इस से पहले आंधरा प्रदेश के डायरेक्टर जनरल पुलिस दिनेश रेड्डी ने कहा था कि फ़िल्मी अंदाज़ के लिबास और फ़ैशन अबुल ड्रैसेस की ख़वातीन की इस्मत रेज़ि के वाक़ियात में इज़ाफ़ा की एक अहम वजह है।
सी सी पाटल ने कहा कि इस्मत रेज़ि और जिन्सी हुर्रा सानी के वाक़ियात उस वक़्त पेश आते हैं जब मर्दों में अख़लाक़ी इक़दार गिरावट का शिकार होते हैं। ऐसी सूरत में ख़वातीन का इश्तिआल अंगेज़ लिबास मर्दों के अख़लाक़ी ज़वाल की आख़िरी हद तक पहुंच जाता है।
उन्हों ने कहा कि आज के इस दौर में ख़वातीन के लिए ज़रूरी होगया है कि मर्दों के शाना बह शाना चलें और उन्हें भी मुसावी इख़्तयारात हासिल है। चुनांचे ऐसी ख़वातीन जो रात के वक़्त आई टी कंपनीयों और काल सैंटर्स में काम करती हूँ , उन्हें ये अंदाज़ा होना चाहीए कि ऐसे काम के मुक़ाम पर किस तरह का लिबास मौज़ूं होगा। उन्हें ये भी मालूम होना चाहीए कि जिस्म का किस क़दर हिस्सा दिखाया जाना चाहीए और किस हिस्सा की पर्दापोशी की जानी चाहीए।
ये मुआमला ख़वातीन के सवाबदीद पर मुनहसिर है। पाटल ने कहा कि वो ख़वातीन केलिए ड्रैस से मुताल्लिक़ ज़ाबता अख़लाक़ पर ज़ोर नहीं देते क्योंकि मुख़्तलिफ़ ज़ातों और तबक़ात से ताल्लुक़ रखने वालों का अपना मुनफ़रद अंदाज़ होता है। हमारी तहज़ीब और रवायात के मुताबिक़ वो अपने लिबास पहनती हैं। बाअज़ ख़वातीन साड़ी ज़ेब-ए-तन करती हैं और बाअज़ शलवार सूट्स पहनती हैं। इस केसाथ साथ मग़रिबी तर्ज़ के मलबूसात भी आजकल बाज़ार में बह आसानी दस्तयाब है। ऐसे में ख़वातीन को ही ये फ़ैसला करना चाहीए कि कौनसा लिबास उन के लिए मौज़ूं है।
सी सी पाटल ने इस तबसरा के फ़ौरी बाद ये भी कहा कि कई सदीयों से हमारे मुल्क में ख़वातीन को बाइज़्ज़त मुक़ाम दिया जाता रहा है। यहां ख़वातीन की मुख़्तलिफ़ तरीक़ों से पूजा भी की जाती है। ख़वातीन के एहतिराम के तौर पर कई नदियों का नाम इन ही से मौसूम है।
इस से ख़वातीन की अज़मत का इज़हार होता है। इस दौरान सी सी पाटल ने अपने ही ब्यान की तरदीद की है। उन्हों ने अख़बारी नुमाइंदों को बताया कि उन्हों ने कुछ और बात की थी लेकिन उसे कुछ और अंदाज़ में पेश किया गया है |