नई दिल्ली : राज्य सभा में ये इत्तेला दी गई है कि ख़वातीन तहफ़्फुज़ात बिल हुकूमत के फ़ील-फ़ौर एजंडा में नहीं है और इस मसले पर किसी सियासी जमात यह दीगर फ़रीक़ैन से मुशावरत नहीं की जा रही है। वज़ीर क़ानून डी वी सदा निंदा गौड़ा ने एवान में एक तहरीरी जवाब देते हुए बताया कि वीमेंस रिज़र्वेशन बिल पर हुकूमत किसी सियासी जमात यह दीगर फ़रीक़ैन के साथ अज़ सर-ए-नौ मुशावरत शुरू नहीं की है जब कि ये बिल पंद्रहवीं लोक सभा की तहलील के साथ बे-असर होगया है।
एवान में ये सवाल किया गया था कि आया हुकूमत लोक सभा और रियासती असेम्बलीयों में ख़वातीन को 33 फीसद तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी के लिये सियासी जमातों और दीगर फ़रीक़ैन से दुबारा मुशावरत शुरू कर दी है। जिस पर वज़ीर क़ानून ने कहा कि हुकूमत ये कोशिश है कि पार्लियामेंट और असेम्बलीयों में ख़वातीन के लिये एक तिहाई तहफ़्फुज़ात फ़राहम किए जाएं।
पार्लियामेंट में बिल पेश करने से क़बल सियासी जमातों के साथ इत्तेफ़ाक़ राय हासिल करने की ज़रूरत है। वाज़िह रहे कि पार्लियामेंट में मार्च 2010 को वीमेंस रिज़र्वेशन बिल को मंज़ूर करवाने की कोशिश-ए-नाकाम हो गई थी। जब कि राज्य सभा में मार्शलस का इस्तेमाल करते हुए इस बल को मंज़ूर करवा लिया गया था।