ख़ाकसतर ख़ानक़ाह तारीख़ी असासा फ़ौरी बहाली का हुक्म : उमर अबदुल्लाह

वज़ीर-ए-आला जम्मू-ओ-कश्मीर उमर अबदुल्लाह ने आतिशज़दगी से मुतास्सिरा ( आग से प्रभावित) ख़ानक़ाह दस्तगीर साहब की फ़ौरी बहाली का हुक्म दिया है क्योंकि ख़ानक़ाह ( फकीरों के रहने की जगह) रियासत के इलावा मुल्क भर में एक तारीख़ी असासा ( ऐतिहासिक संपत्ती) की हैसियत रखती है ।

वक़्फ़ बोर्ड के एक आला सतही इजलास से ख़िताब करते हुए उमर अबदुल्लाह ने कहा कि ख़ानक़ाह की बहाली दरअसल इसके तारीख़ी पस-ए-मंज़र को पेशे नज़र रखते हुए की जाएगी। मज़कूरा इजलास ख़ानक़ाह की बहाली केलिए किए जाने वाले इक़दामात के लिए तलब की गई थी ।

दूसरी तरफ़ वादी कशमीर में आम ज़िंदगी आज पांचवें दिन भी दरहम ब्रहम (खराब् माहौल ) रही क्योंकि मुफ़्ती-ए-आज़म की जानिब से हड़ताल का ऐलान किया गया था । याद रहे कि ख़ानक़ाह दस्तगीर साहिब 200 साल पुरानी दरगाह है जहां बलालहाज़ मज़हब-ओ-मिल्लत हज़ारों अफ़राद ( लोग) रोज़ाना हाज़िरी देते हैं ।

हालाँकि पुराने शहर में अवाम की नक़ल-ओ-हरकत पर हनूज़ ( अभी तक) नज़र रखी जा रही है । ख़ानक़ाह तक आज एक एहितजाजी मार्च भी मुनज़्ज़म (संगठित) किया जा रहा है जिस की वजह से सिक्योरीटी में इज़ाफ़ा किया गया है । एहतियाती इक़दामात के तौर पर हुकूमत ने मुफ़्ती-ए-आज़म बशीर उद्दीन अहमद उन के नायब नसीर उल-इस्लाम और अलहैदगी पसंद तमाम क़ाइदीन ( लीडरों) को उन की रिहायश गाहों पर नज़रबंद कर दिया है ।

दूसरी तरफ़ पुलिस ज़राए ने बताया कि तमाम अलहैदगी पसंद क़ाइदीन ( लीडर) बिशमोल ( जिसमें) दोनों हुर्रियत कान्फ्रेंस के सदर नशीन को नज़र बंद किया गया है ताकि वादी में ला ऐंड आर्डर क़ायम रखा जाए । हड़ताल के दौरान स्कूल्स कॉलेज्स दफ़ातिर दुकानात और दीगर तिजारती इदारे गुज़शता पाँच रोज़ से बंद हैं जबकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी बंद किया गया है ।

अलबत्ता ख़ानगी ( निजी) बसें चलाई जा रही थीं जिन की तादाद बेहद कम थी ।