ख़ाती बैंक्स के ख़िलाफ़ अनक़रीब कार्रवाई: सुब्बा राव

नई दिल्ली, 5 जून: ( पी टी आई) रिज़र्व बैंक आफ़ इंडिया गै़रक़ानूनी तौर पर रक़ूमात की लेन देन के इम्कानात को मुस्तरद ना करते हुए बैंक्स के उन आफ़िसरान के ख़िलाफ़ तादीबी कार्रवाई को यक़ीनी बनाने का तयक्कुन दिया है जो एक स्टिंग ऑप्रेशन के दौरान बैंक्स के ज़वाबत की ख़िलाफ़वरज़ी के मुर्तक़िब पाए गए, या इसका इर्तिकाब करने पर आमादा दिखाई दिए।

बैंक्स के लिए तफ़वीज़ करदा ज़वाबत की ख़िलाफ़वरज़ी पर बैंक्स के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए क़ानूनी तरमीम की ज़िम्मेदारी पार्लीमेंट पर छोड़ते हुए आर बी आई गवर्नर डी सुब्बा राव ने इन क़ियास आराईयों को मुस्तरद कर दिया कि बैंक्स की जानिब से ज़ाबतों की ख़िलाफ़वर्ज़ी के बावजूद आर बी आई का रवैय्या इनके तय नरम है। पी टी आई को एक इंटरव्यू देते हुए सुब्बा राव ने कहा कि आख़िर क्या तादीबी कार्रवाई की जाये ? फ़िलहाल मैं ये नहीं कह सकता क्योंकि जो भी कार्रवाई करना है वो आर बी आई की निचली सतह पर होगी। लिहाज़ा ये कहना क़ब्ल अज़ वक़्त है कि आर बी आई ख़ाती बैंक्स के तईं नरम रवैय्या अपना रही है।हमें एक मख़सूस तरीका-ए-कार पर अमल करना पड़ेगा। सिर्फ़ ये कहना कि मीडीया चूँकि इस मुआमला की तहक़ीक़ात आज कर रहा है तो कल आर बी आई को कुसूरवार ठहराया जाये या अगर ऐसा नहीं है तो नरम रवैय्या के इल्ज़ाम का सामना करना पड़ता है।

सुब्बा राव के मुताबिक़ रिज़र्व बैंक एक ऐसा इदारा है जहां से मुख़्तलिफ़ बैंक्स की शाख़ें फूटती हैं और अगर ये इदारा अपना मौक़िफ़ सख़्त रखे तो इस बात के कोई इम्कानात ही नहीं रहते कि दीगर कौमी बैंक्स ज़ाबतों की ख़िलाफ़वरज़ी करें।

इस से एक तरफ़ बैंक्स के लिए तफ़वीज़ करदा ज़ाबतों की ख़िलाफ़वरज़ी और आवाम की एतेमाद शिकनी भी हुई है।