आसाम कांग्रेस की सियासत उस वक़्त ज़बरदस्त तनाज़ा (झगड़ा) का शिकार हो गई जब बोर खोला (Borkhola ) की एम एल ए डाक्टर रूमी नाथ अचानक अपने शौहर और दो साला बेटी को छोड़कर घर से फ़रार हो गई जहां इस ने फेसबुक पर नए दोस्त जैकी ज़ाकिर नामी मुस्लिम शख़्स से शादी कर ली और मुशर्रफ़ बह इस्लाम हो गई ।
सलचर में इस मौक़ा पर फ़िर्कावाराना कशीदगी को रोकने के लिए सी आर पी एफ़ के जवानों को तैनात किया गया है । रूमी के पहले शौहर राकेश कुमार सिंह ने पुलिस में एफ़ आई आर दर्ज करवाई है कि इनकी बीवी को मुबय्यना तौर पर सलचर मेडीकल कालेज-ओ-हॉस्पिटल से अग़वा किया गया है ।
जहां वो अपने तिब्बी मुआइने(जाँच) के लिए गई थी । 32 साला ख़ातून एम एल ए 13 मई को हास्पिटल (चिकित्सालय/ अस्पताल) से लापता हो गई थी लेकिन कुछ ही घंटों बाद वो दुबारा मंज़रे आम पर आई और कहने लगी कि इसने मज़हब इस्लाम कुबूल कर लिया है ताकि वो अपने आशिक़ ज़ाकिर से शादी कर सके ,जो सोश्यल वेलफेयर डिपार्टमेंट में एक मामूली ओहदा पर मुलाज़िम ( नौकरी पेशा/ नौकर)है ।
अलबत्ता राकेश कुमार का इद्दिआ है कि इसकी बीवी ने मज़हब इस्लाम कुबूल नहीं किया है बल्कि उसे मीडीया के सामने अपने ब्यानात देने के लिए दबाव डाला जा रहा है । दरीं असना ( हाला कि) ज़ाकिर के वालिद ( पिता) फ़ैज़ उल रहमान , जो साबिक़ ( पूर्व) पुलिस आफीसर (पुलिस अधीकारी) हैं ने वाज़िह तौर पर कहा कि इनका ख़ानदान रूमी को कभी भी अपनी बहू तस्लीम (स्वीकार) नहीं करेगा ।
उन्होंने अपने बेटे के लापता हो जाने की एक शिकायत बदरपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई है । रूमी को राकेश कुमार से एक 3 साला बेटी है जिस का नाम रतमबरा है । सलचर में रूमी की एक मुस्लमान से शादी के बाद हिन्दू बिरादरी में शदीद ( तेज/ शख्त) ग़म-ओ-ग़ुस्सा पाया जा रहा है। रूमी नाथ का इस्लामी नाम राबिया सुलताना है।