नरेंद्र मोदी पर एक ख़ातून की जासूसी करवाने के मसले पर मज़म्मत करते हुए कांग्रेस के जनरल सैक्रेटरी दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि हुकूमत गुजरात की जानिब से ये तहक़ीक़ात किसी मुल्ज़िम के बारे में फ़ैसला करने से पहले तहक़ीक़ात और इसके बाद फ़ैसले के मुमासिल हैं। इस से ज़ाहिर होता है कि इनका किरदार आमिराना हैं। दिग्विजय सिंह जो बी जे पी विज़ारत उज़मा के उम्मीदवार पर तन्क़ीद करने के लिए शौहरत रखते हैं इस स्कैंडल के मंज़रे आम पर आने के बाद से मोदी पर मुसलसल तन्क़ीद कररहे हैं।
उन्होंने मोदी का तक़ाबुल आम आदमी पार्टी के सरबराह अरवीनद केजरीवाल से करते हुए कहा कि दोनों अफ़राद एक जैसे अंदाज़ में मामलात की तहक़ीक़ात कररहे हैं जिन में वो ख़ुद मुल्ज़िम हैं। उन्होंने कहा कि हुकूमत गुजरात ने तहक़ीक़ात का हुक्म दिया है ये ऐसा ही है जैसे ये फ़ैसला किया जाये कि तहक़ीक़ात कौन करेगा और फ़ैसला कौन सुनाएगा।
इनका मुशाहिदा है कि अरवीनद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी में ममसालत है अगर केजरीवाल के ख़िलाफ़ कोई शिकायत हो तो वो इस बात का फ़ैसला करते हैं कि उसकी तहक़ीक़ात कौन करेगा और फ़ैसला कौन सुनाएगा। इसी तरह इस मामले में नरेंद्र मोदी ने बहैसीयत चीफ़ मिनिस्टर विज़ारत-ए-दाख़िला का क़लमदान भी अपने क़बज़े में रखा है और उनकी ईमा पर ही ख़ातून के टेलीफ़ोन टेप किए गए थे
और अब वो पर्दापोशी की कोशिश करते हुए ये फ़ैसला कररहे हैं कि तहक़ीक़ात कौन करेगा और फ़ैसला कौन सुनाएगा। इस से उन के इंतिहाई आमिराना नौईयत के किरदार की निशानदेही होती है। मोदी और केजरीवाल दोनों आमिराना ज़हनीयत रखते हैं। उन्होंने कहा कि उनके नुक़्ता-ए-नज़र से मुनासिब ओहदेदारों को वाक़िये की तहक़ीक़ात करना चाहिए जो हिन्दुस्तानी क़ानून टेलीग्राफ़ और इत्तलाआती टैक्नालोजी क़ानून के मुताबिक़ हो और मुजरिम साबित होने पर चाहे वो कोई भी हो मुनासिब कार्रवाई की जानी चाहिए।
तनाज़े के पैदा होता ही 20 नवंबर को दिग्विजय सिंह ने अपने टोइटर पर तहरीर किया था कि गुजरात का सुराग़ रसानी स्कैंडल क़ानून टेलीग्राफ़ और क़ानून इत्तलाआती टैक्नालोजी की ख़िलाफ़वरज़ी है और मोदी मुजरिम हैं।