ख़ानगी दवाखाने ग़रीबों का मुफ़्त ईलाज करें: सुप्रीम कोर्ट

ख़ानगी दवाखाने ग़रीबों का मुफ़्त ईलाज करें: सुप्रीम कोर्ट
मुफ़्त ईलाज केलिए दिल्ली हाइकोर्ट के फ़ैसला को चैलेंज करदा 10 ख़ानगी दवा ख़ानों की दरख़ास्तें मुस्तर्द
नई दिल्ली । यक्म सितंबर (पी टी आई) सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली के ख़ानगी दवा ख़ानों को हुक्म दिया है कि वो सब्सीडी वाली सरकारी अराज़ी पर दवाख़ाना तामीर करें ताकि ग़रीबों को मुफ़्त ईलाज फ़राहम किया जा सके। अदालत ने कहाकि ख़ानगी दवाखाने ग़रीबों को मुफ़्त ईलाज फ़राहम करने की अपनी ज़िम्मेदारीयों से पहलूतिही नहीं करसकते। जस्टिस आर वे रवींद्रन और ए के पटनाइक पर मुश्तमिल बंच ने दिल्ली के दवा ख़ानों से कहाकि वो अपने आउट पेशंट डिपार्टमैंट में 25 फ़ीसद की गुंजाइश ग़रीब मरीज़ों के लिए रखें और दवा ख़ानों के वार्डस में 10 फ़ीसद बिस्तरों को ग़रीबों के मुफ़्त ईलाज के लिए मुख़तस किए जाएं। अदालत ने कहाकि ख़ानगी दवाख़ाना ग़रीबों को मुफ़्त ईलाज फ़राहम करने की अपनी ज़िम्मेदारी से कनाराकश नहीं होसकते। बुनियादी बात ये है कि ग़रीब मरीज़ों से पैसे नहीं लिए जाने चाहीए। बंच ने ग़रीबों को मुफ़्त ईलाज फ़राहम करने के ख़िलाफ़ बाअज़ ख़ानगी दवा ख़ानों की दरख़ास्तों को मुस्तर्द करदिया। अदालत ने दिल्ली हाइकोर्ट के अहकाम को चैलेंज करते हुए 10 ख़ानगी दवा ख़ानों की जानिब से दाख़िल करदा दरख़ास्तों को मुस्तर्द करदिया। अदालत ने अहकाम जारी करते हुए कहाकि हुकूमत और ख़ानगी दवा ख़ानों के इंतिज़ामीया के दरमयान अराज़ी लीज़ मुआहिदे के मुताबिक़ ग़रीब मरीज़ों को मुफ़्त ईलाज फ़राहम करना लाज़िमी होजाता है। इस से क़बल दिल्ली हाइकोर्ट ने ख़ानगी दवा ख़ानों की दरख़ास्तों पर फ़ैसला सुनाया था कि ख़ानगी दवाखाने ग़रीबों को मुफ़्त ईलाज फ़राहम करने केलिए पाबंद हैं। हुकूमत ने ज़ाइदाज़ 37 दवा ख़ानों को रियायती शरहों पर अराज़ी अलॉट की है। इन के मिनजुमला 27 दवाखाने ग़रीबों को मुफ़्त ईलाज फ़राहम कररहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दरख़ास्त गुज़ार दवा ख़ानों के इंतिज़ामीया से सवाल किया कि आख़िर आप लोगों ने सरकारी अराज़ी हासिल क्यों की? अगर आप ग़रीब मरीज़ों का ईलाज नहीं करसकते तो सरकारी अराज़ी हुकूमत को वापिस करदें। बंच ने दवा ख़ानों के इंतिज़ामीया की पैरवी करने वाले वकील के इस इस्तिदलाल को मुस्तर्द कर दिया कि तमाम केसों में ग़रीब अफ़राद को मुफ़्त ईलाज फ़राहम करना अमली तौर पर मुम्किन नहीं है। बंच ने कहाकि आप चाहते हैं कि हुकूमत के साथ मुआहिदे पर दस्तख़त के बाद रियायती शरह से हासिल करदा अराज़ी पर दवाखाने तामीर करके ग़रीबों को मुफ़्त ईलाज करने के अह्द से मुकर जाएं। दवा ख़ानों का इस्तिदलाल है कि कैंसर, नीरू सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी जैसा क़ीमती ईलाज मुफ़्त फ़राहम नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने 2007 -ए-में दिल्ली हाइकोर्ट के दिए गए अहकाम को बरक़रार रखा। हाइकोर्ट ने भी तमाम ख़ानगी दवा ख़ानों को पाबंद बनादिया था कि वो सरकारी अराज़ी पर तामीर करदा दवाखाने ग़रीबों का मुफ़्त ईलाज करें