नई दिल्ली, 27 फरवरी, (पी टी आई) ख़ानगी बैंक जो मुल्क में सरगर्म हैं, फैसला कर चुके हैं कि अज़ीम तरीन जाली नोटों को शनाख़्त किया जाएगा जबकि अवामी ज़ेर इंतेज़ाम शोबे और गैर मुल्की बैंकों में इतनी तादाद में जाली नोटों की शनाख़्त नहीं हो पाती।
मुल्क के तमाम बैंक ख़ानगी , सरकारी और गैर मुल्की और इसी तरह मालीयाती दरमियानी इदारे इस बात का इख़्तेयार रखते हैं कि गैरकानूनी रक़ूमात मुंतक़ली क़वानीन और क़ौमी सलामती से मुताल्लिक़ दीगर क़वाइद के तहत जाली नोटों का पता चलाएं और उसे वाक़ियात की माली सुराग़ रसां शोबे को इत्तिला दें जो उसे वाक़ियात का रिकॉर्ड रखने वाला मुल्क का सबसे बड़ा इदारा है जो वज़ारत फायनेंस के तहत काम करता है।