ख़िदमत-ए-ख़लक़ भी इबादत के मुतरादिफ़

मदहोल 09 जनवरी (सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़ ) नमाज़ ,रोज़ा, हज ,ज़कात तमाम इबादात इंसानों को तज़किया नफ़स की तर्बीयत देती है हर दिन इंसानों को इबादात ,ज़िंदगी गुज़ारने की राह हमवार करती है । इन ख़्यालात का इज़हार जनाब मुलक मतासम ख़ान साबिक़ अमीर हलक़ा जमात-ए-इस्लामी हिंद आंधरा प्रदेश-ओ-उड़ीसा मौलाना जलाल उद्दीन उमरी ने जमात-ए-इस्लामी हिंद मदहोल की जानिब से गरबा-ए-में बलानकटस तक़सीम प्रोग्राम से ख़िताब करते हुए किया ।

रोज़ा नमाज़ हज ज़कात ये सब इबादात की तरह इंसानों की ख़िदमत भी इबादत है । उन्हों ने कहा कि हर इंसान को ख़ुद मेहनत करना चाहीए चूँकि अल्लाह के नज़दीक मेहनत की कमाई की बहुत एहमीयत है इस मेहनत से कमाई हुई रोज़ी भी इबादत में शुमार होगी अपने बीवी बच्चों और वालदैन रिश्तेदारों की हलाल रोज़ा से परवरिश भी इबादात है

लेकिन इस का मतलब ये नहीं कि हम सिर्फ रोज़ी के पीछे दौड़ धूप करते हुए फ़र्ज़ इबादात को छोड़ दें, तमाम इबादात के साथ कमाई हुई रोज़ी इबादत होगी और इस रोज़ी में बरकत भी होगी , इबादात के साथ हर काम अज्र-ओ-सवाब होगा

बशर्तिके हम अल्लाह की रस्सी को मज़बूती के साथ थाम लें और अल्लाह के बताए हुए रास्ते पर चलें , जनाब अफ़रोज़ ख़ान जमईव‌ अलालमा-ए-मदहोल ने भी ख़िताब किया । प्रोग्राम के इख़तताम पर गरबा-ए-में 165 बलानकटस और 50 साड़ियों की तक्सेम् अमल् में आई

जिस में 50 ग़ैर मुस्लिम गरबा-ए-में बलानकटस तक़सीम करते हुए ब्रदर इन वतन को इस्लाम की अख़लाक़ीयात और गरबा-ए-के साथ किसी तरह का बर्ताव और इस्लामी तालीमी क्या हैं वाज़िह किया गया । इस प्रोग्राम की सदारत जनाब मुलक मोतसिम ख़ान साबिक़ा अमीर हलक़ा जमात-ए-इस्लामी आंधरा प्रदेश ने की ।

प्रोग्राम जनाब ख़ालिद अहमद की तिलावत कलाम पाक से हुआ । इख़ततामी कलिमात जनाब ग़ौस मुही उद्दीन ने अदा किए । इस प्रोग्राम की कार्रवाई जनाब तजम्मुल अहमद ने चलाई । इस मौक़ा पर जनाब अबदुलवली जनाब ज़ाकिर हुसैन जनाब मुहम्मद सलाह उद्दीन जनाब अबदालमख़तार जनाब ताज उद्दीन फ़ारूक़ी जनाब अज़हर उद्दीन के इलावा मोअज़्ज़िज़ीन शहर और मुस्तहिक़ अफ़राद की कसीर तादाद मौजूद थी ।