ख़्वाजा दक्कन सय्यदना बन्दा नवाज के उर्स शरीफ़ का आग़ाज़

गुलबर्गा 15 अक्तूबर ( हामिद अकमल ) ख़्वाजा दक्कन बंदगी मख़दूम सय्यद मुहम्मद हुसैनी अब्बू अलिफ़ता सदर उद्दीन वली अलाकबर वालसा दिक़ गेसू दराज़ बंदानवाज़ शहबाज़ बलंद परवाज़ ऒ के 607 साला उर्स शरीफ़ का आज शाम तक़द्दुस-ए-मआब हज़रत सय्यद शाह गेसू दराज़ ख़ुसरो हुसैनी क़िबला सज्जादा नशीन ने लाखों अक़ीदत मंदों की मौजूदगी में जलूस संदल मुबारक की रवानगी से आग़ाज़ किया।

तारीख़ी महबूब गुलशन में मौलाना मुफ़्ती सय्यद अबदुर्रशीद की इमामत में नमाज़ अस्र अदा की गई और सब्ज़ा ज़ार पर नसब ख़ुसूसी शामियाने में तक़द्दुस-ए-मआब हज़रत सय्यद शाह गेसू दराज़ ख़ुसरो हुसैनी साहिब क़िबला सज्जादा नशीन बारगाह बंदानवाज़ ऒके ज़ेर निगरानी महफ़िल समाव मुनाक़िद हुई।

जिस का आग़ाज़ करात कलाम पाक से हुआ। मुमताज़ क़व्वाल मुहम्मद महबूब बंदानवाज़ी और हमनवाओंने मुबारकबाद पेश की। बादअज़ां नात शरीफ़ और मनक़बत सुनाकर समां बांध दिया। इस नूरानी महफ़िल में हज़रत सय्यद शाह हुस्न शब्बीर हुसैनी सज्जादा नशीन रोज़ा ख़ुर्द ,हज़रत हसन चिशती ( फ़र्ज़ंद फ़ज़ल अलमतीन चिशती गद्दी नशीन अजमेर शरीफ़) , मौलाना मुफ़्ती ख़लील अहमद , मुफ़्ती अज़ीम उद्दीन, हज़रत सय्यद शाह यूसुफ़ हुसैनी, हज़रत सय्यद शाह आरिफ़ हुसैनी, हज़रत सय्यद शाह तक़ी अल्लाह हुसैनी, हज़रत सय्यद बाक़िर शब्बीर हुसैनी, हज़रत सय्यद अली उल-हुसैनी-ओ-हज़रत सय्यद मुस्तफ़ा हुसैनी ( फ़र्र ज़िंदाँ सज्जादा नशीन बारगाह बंदा नवाज़ऒ ) , मौलाना सय्यद क़बूल पाशाह शतारी, हज़रत सय्यद सज्जाद शब्बीर हुसैनी, हज़रत सय्यद शाह असदुल्लाह हुसैनी(अम मुहतरम हज़रत सज्जादा नशीन ),हज़रत सय्यद अकबर निज़ाम उद्दीन सज्जादा नशीन हज़रत शाह ख़ामोश ऒ, हज़रत सय्यद अली ज़की हुसैनी उवैस बाबा, हज़रत सय्यद शाह कुतुबी हुसैनी क़िबला, सय्यद शाह राजू हुसैनी सानी ,साबिक़ा रियास्ती वुज़रा जनाब ऐच के पाटल, और जनाब अबदुलहकीम हनडसगरी और साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर जनाब सी ऐम इबराहीम, जनाब अबदालरयाज़ ख़ान सदर कर्नाटक वक़्फ़ बोर्ड, हज़रत सय्यद हैदर पाशाह कादरी ( सज्जादा नशीन नीलनगा शरीफ़ ), मीर कमाल उद्दीन अली ख़ान, मीर सदर उद्दीन अली ख़ान, जनाब हामिद अकमल ऐडीटर के बी एन टाईम्स , हज़रत अली आरिफ़ हुसैनी, मौलाना तनवीर अहमद हाश्मी, मुहम्मद ज़ीन इला बदीन , वाएम ए हबीब मोतमिद दरगाह शरीफ़, जनाब सय्यद अकबर हुसैनी, जनाब सय्यद यदा लल्ला हुसैनी, जनाब सय्यद अहमद हुसैनी, डाक्टर माजिद दाग़ी, मौलाना अबदालरओफ़ साहिब, मौलाना क़ासिम हैदर ने शिरकत की। महफ़िल समाव के इख़तताम के बाद हज़रत सय्यद शाह गेसू दराज़ ख़ुसरो हुसैनी क़िबला सज्जादा नशीन मशाइख़ीन के हमराह समर हाओज़ पहुंचे जहां संदल की कश्तीयों को बोसा देने के लिए मुल्क भर से आए हुए अक़ीदत मंदों की तवील क़तारें लगी हुई थीं। फ़ातिहा के बाद कलिमा तुय्यबा और नारा-ए-बंदा-ए-नवाज़ ऒ की गूंज में हज़रत ख़ुसरो हुसैनी साहिब क़िबला ने संदल मुबारक की क्षति अपने सिरपुर उठाई और जलूस को रवाना फ़रमाया। बारगाह के नौबत नवाज़ों ने इस वक़्त शहनाई में सलाम पढ़ा।मीलाद शरीफ़ , क़सीदा बुरदा शरीफ़, के वरद और दफ़ और शहनाई की सामा नवाज़ी में ये जलूस महबूब गुलशन से शहर की तरफ़ रवाना हुआ।

जलूस के आगे जलाली फ़िक्रा-ए-नारा तकबीर के साथ ज़रबात का मुज़ाहरा कररहे थी।जलूस में मलिक के मुख़्तलिफ़ मुक़ामात से आए हुए हज़ारों अकीद तमनद शरीक थी।इस दौरान समाव ख़ाना दरगाह शरीफ़ में महफ़िल समाव जारी थी। जलूस के वरूद मसऊद पर तक़द्दुस मआब हज़रत सय्यद शाह गेसू दराज़ ख़ुसरो हुसैनी क़िबला सज्जादा नशीन ने मशाइख़ीन उज़्ज़ाम और अकाबिरीन ख़ानवादा के हमराह संदल मुबारक का इस्तिक़बाल फ़रमाया। संदल मुबारक की कश्तियां बसद एहतिराम गनबद मुबारक में पहुंचा दी गईं।

निस्फ़ शब को गुम्बद मुबारक के सिरहाने फ़ातिहा बाईस खोह जगह न-ए-चिशत हुई।6ज़ीकादा 25अक्तूबर की सुबह 8बजे तक़द्दुस-ए-मआब हज़रत सय्यद शाह गेसू दराज़ ख़ुसरो हुसैनी साहिब क़िबला सज्जादा नशीन मरासिम संदल माली अंजाम देंगी।