ग़रीबी की तशरीह पर तनाज़ा कोहल करने की कोशिश

मोनीटक सिंह का वज़ीर-ए-आज़म से तबादला-ए-ख़्याल यौमिया 32रुपय पर सिर्फ कुत्ते ही ज़िंदा रह सकते हैं: सक्सेना
नई दिल्ली। 2 / अक्टूबर (एजैंसीज़) ख़त ग़ुर्बत केलिए फी कस 32 रुपय यौमिया की तशरीह पर पैदा शूदा तनाज़ा के दरमयान मंसूबा बंदी कमीशन के नायब सदर नशीन मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने आज वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह से मुलाक़ात की और कहा कि कल वो इस मसला पर मंसूबा बंदी कमीशन के मौक़िफ़ की वज़ाहत करेंगे । अब कमीशन की तरफ़ से सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल करदा हलफनामा पर तनाज़ा पैदा होगया और मिस्टर अहलुवालिया गुज़शता 10 दिन से बैरूनी दौरा पर थे। बावर किया जाता है कि वज़ीर-ए-आज़म आज मुलाक़ात से दौरान उन्हों ने हलफनामा पर पैदा शूदा तनाज़ा पर तबादला-ए-ख़्याल किया। हलफनामा में कहा गया था कि अगर कोई शख़्स शहरी इलाक़ों में यौमिया 32 रुपय और देही इलाक़ों में यौमिया 26 रुपय ख़र्च करसकता है तो वो ग़रीबी के ज़मुरा में शामिल नहीं होसकता । हलफनामा के मुताबिक़ अगर पाँच अफ़राद पर मुश्तमिल कोई ख़ानदान शहरी इलाक़ों में (जून 2011 की क़ीमतों के मुताबिक़ ) सालाना ख़र्च 4,824 रुपय और देही इलाक़ों में 3,905 रुपय से कम ख़र्च करता है तो वो ग़रीबी से नीचे की सतह के ज़मुरा में शामिल होसकता है । इस हलफनामा के मुताबिक़ ग़रीबी से नीचे की सतह पर ज़िंदगी बसर करने वालों को दिए जाने वाले फ़ायदे के मुस्तहिक़ अफ़राद का तख़मीना 40.74 किया गया है। इस के बरख़िलाफ़ तेंडूलकर कमेटी की सिफ़ारिशात को क़बूल करते हुए इन फ़वाइद के मुस्तहिक़ 37.2 करोड़ अफ़राद का तख़मीना किया गया था । मंसूबा बंदी कमीशन के हलफ़नामा को तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए क़ौमी मुशावरती कौंसल के रुकन एन सी सक्सेना ने कहा कि यौमिया 32 रुपय पर सिर्फ कुत्ते ही ज़िंदा रह सकते हैं, इंसान का ज़िंदा रहना मुम्किन नहीं। सक्सेना ने कहा कि कमीशन की इस रिपोर्ट पर कि मुल्क में यौमिया 32 रुपय पर इंसान ज़िंदा रह सकते हैं, बड़े पैमाने पर तन्क़ीदें की जाने लगीं। इस के बाद इमकान है कि कमीशन अपने इस हलफ़नामा को वापिस ले सकता। उन्हों ने कहा कि आप जानते हैं कि 32 रुपय में सिर्फ कुत्ते और जानवर ही ज़िंदा रह सकते हैं। हुकूमत ने भी इशारा दिया है कि कमीशन अपना हलफ़नामा तबदील करसकता है। कमीशन ने बताया था कि देही इलाक़ों के अवाम ज़ाइद अज़ 25 रुपय यौमिया और शहरी इलाक़ों में 32 रुपय यौमिया पर सतह ग़ुर्बत से नीचे ज़िंदगी गुज़ारने वाले ज़मुरा के अफ़राद अपनी ज़रूरीयात पूरी कर रहे हैं। कांग्रेस सदर सोनीया गांधी की ज़ेर क़ियादत क़ौमी मुशावरती कौंसल के दीगर कई अरकान ने मुल़्क की ख़त ग़ुर्बत की पेश करदा नई सतह को मुस्तर्द करदिया है और कहा है कि ये सतह निहायत ही ज़ालिमाना है। मलिक की ज़ाइद अज़ 80 फ़ीसद आबादी ग़ुर्बत का शिकार है। हुकूमत को चाहीए कि वो इन अफ़राद को फ़वाइद पहुंचाए, लेकिन मंसूबा बंदी कमीशन ने ख़त ग़ुर्बत सतह की फ़हरिस्त में यौमिया 32 रुपय का जो तसव्वुर पेश किया है, इस से हम अदम इत्तिफ़ाक़ करते हैं। सक्सेना ने कहा कि जो लोग यौमिया 32 रुपय ख़र्च कर रहे हैं, वो ग़रीब से ग़रीब तर हैं। आप उन्हें मुफ़लिस क़रार दे सकते हैं, या फिर उन्हें इंसानी ज़ुमरे से हट कर ज़िंदगी गुज़ारने वाला क़रार दे सकते हैं।