तेलंगाना हुकूमत ने ग़रीब मुस्लिम ख़ानदानों और लावारिस मय्यतों की तदफ़ीन के लिए पहाड़ीशरीफ़ में 10 एकऱ् अराज़ी क़ब्रिस्तान के लिए मुख़तस करने का फ़ैसला किया है।
अंदरून एक माह अराज़ी की हदबंदी करते हुए तदफ़ीन का अमल शुरू किया जाएगा। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर मुहम्मद महमूद अली ने अक़लियती बहबूद के ओहदेदारों के साथ आला सतही जायज़ा मीटिंग मुनाक़िद किया जिस में अक़लियती फ़लाह-ओ-बहबूद से मुताल्लिक़ स्कीमात, बजट के ख़र्च, ओक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़, अक़लियती तलबा के लिए हर ज़िला में अक़ामती मदारिस-ओ-हॉस्टलस की तामीर, शादी मुबारक स्कीम और दुसरे स्कीमात का जायज़ा लिया गया।
डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने ओहदेदारों को हिदायत दी कि ग़रीब मुस्लिम ख़ानदानों में मय्यतों की तदफ़ीन के मसले को आसान बनाईं क्युंकि क़ब्रिस्तान में जगह के हुसूल के लिए रक़ूमात वसूल की जा रही हैं।
ओहदेदारों ने इस सिलसिले में पहाड़ीशरीफ़ में 10 एकऱ् अराज़ी की निशानदेही की। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने इस अराज़ी को क़ब्रिस्तान में तबदील करने की हिदायत दी ताके ग़रीब ख़ानदानों की मय्यतों की तदफ़ीन होसके। उन्होंने कहा कि वक़्फ़ बोर्ड की तरफ से क़ब्रिस्तान के इंतेज़ामात की निगरानी की जाएगी।
ग़रीबों की मय्यतों की मुंतक़ली के लिए एम्बुलेंस गाड़ी का इंतेज़ाम रहेगा और वक़्फ़ बोर्ड में टोल फ़्री नंबर दिया जाएगा। क़ब्रिस्तान में छोटी मस्जिद और इमाम-ओ-मोज़न के अलावा मय्यतों के ग़ुसल का भी इंतेज़ाम किया जाएगा।
उन्होंने ओहदेदारों को इस अराज़ी की हदबंदी फ़ौरी मुकम्मिल करने की हिदायत दी।मीटिंग के बाद मीडीया से बातचीत करते हुए महमूद अली ने कहा कि अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन की तरफ से 1000 ग़रीब अक़लियती अफ़राद को ऑटो की ख़रीदी के लिए सब्सीडी की फ़राहमी का फ़ैसला किया गया है।
एक ऑटो की मुकम्मिल मालियत एक लाख 48 हज़ार है जिस में अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन 50 हज़ार रुपये सब्सीडी फ़राहम करेगा। इस स्कीम का मक़सद ग़रीब ख़ानदानों के मआशी मसाइल को हल करना है। उन्होंने बताया कि अक़लियती तलबा के बेहतर तालीमी नताइज को यक़ीनी बनाने हर ज़िला में लड़के और लड़कीयों के लिए दो अक़ामती मदारिस और हॉस्टलस तामीर किए जाऐंगे।
उन्होंने जारीया साल 20 हॉस्टलस की तामीर का काम शुरू करने की हिदायत दी। ज़िला कलेक्टरस के तआवुन से हर ज़िला में अराज़ी की निशानदेही की जाएगी और जारीया साल तामीर का आग़ाज़ कर दिया जाएगा।
महमूद अली ने बताया कि आइन्दा साल 20 हॉस्टलस की तामीर का मंसूबा है। महमूद अली ने वक़्फ़ बोर्ड को हिदायत दी कि 28 फ़रवरी तक तमाम वक़्फ़ रिकार्ड की जांच और उन्हें महफ़ूज़ करने का काम मुकम्मिल करलीं इस के बाद रेवेन्यू रिकार्ड के मुताबिक़ वक़्फ़ रिकार्ड को तैयार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि रेवेन्यू और वक़्फ़ रिकार्ड में यकसानियत के ज़रीये कई अहम ओक़ाफ़ी जायदादों का तहफ़्फ़ुज़ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ओक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के सिलसिले में ज़िला कलेक्टरस को हिदायात जारी की जाएंगी। शादी मुबारक स्कीम का जायज़ा लेते हुए डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने ओहदेदारों से कहा कि 31मार्च तक इस स्कीम के निशाने की तकमील को यक़ीनी बनाईं।
उन्होंने शादी मुबारक समेत दुसरे फ़लाही-ओ-तरक़्क़ीयाती स्कीमात की तफ़सीलात पर मुश्तमिल बोर्डज़ रियासत की तमाम मसाजिद में आवेज़ां करने की हिदायत दी ताकि अक़लियतों में स्कीमात के बारे में शऊर बेदार किया जा सके।
डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने ओहदेदारों को हिदायत दी कि मक्का मस्जिद और शाही मस्जिद के मुलाजिमीन की तनख़्वाहों की जल्द इजराई को यक़ीनी बनाईं। इस के अलावा मस्जिद में ज़रूरी तामीर-ओ-मरम्मत के कामों पर तवज्जा दी जाये।
मीटिंग में बी सी और एससी कारपोरेशन के मुक़ाबले में अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन के तहत मुलाज़िमीन की तादाद का तक़ाबुली जायज़ा लिया गया। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने यकीन दिया कि अक़लियती इदारों में मुलाज़िमीन की तादाद में इज़ाफे के इक़दामात किए जाऐंगे।
उन्होंने ओहदेदारों को हिदायत दी कि वो जारीया साल की तकमील से पहले मुकम्मिल बजट के ख़र्च को यक़ीनी बनाईं।हुकूमत को पिछ्ले दो बरसों के स्कालरशिप और फ़ीस बाज़ अदायगी के बक़ायाजात में से 90 करोड़ जारी करने अभी बाक़ी हैं। महमूद अली ने ओहदेदारों को इस सिलसिले में ज़रूरी कार्रवाई की हिदायत दी।
महमूद अली ने बताया कि बहुत जल्द हैदराबाद में आलमी उर्दू कांफ्रेंस के इनइक़ाद की भी तजवीज़ ज़ेर-ए-ग़ौर है। उन्होंने बताया कि मक्का मुकर्रमा में हैदराबादी रुबात के मसले की भी जल्द यकसूई करली जाएगी।
जायज़ा मीटिंग में स्पेशल सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद सय्यद उम्र जलील, डायरेक्टर अक़लियती बहबूद-ओ-स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड मुहम्मद जलालुद्दीन अकबर, मैनेजिंग डायरेक्टर अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन प्रोफेसर एसए शकूर, मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्चियन फाइनैंस कारपोरेशन चीफ़ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड सुलतान मुहीउद्दीन और दुसरे ओहदेदार शरीक थे।