ग़रीब ख़ानदान शादी मुबारक स्कीम की इमदाद के मुंतज़िर

हैदराबाद 01 जुलाई: महिकमा अक़लियती बहबूद के ना-आक़िबत-अँदेश फ़ैसलों के सबब ग़रीब अक़लियती ख़ानदानों को शादी मुबारक स्कीम की इमदाद के लिए कई माह से इंतेज़ार करना पड़ रहा है। महिकमा अक़लियती बहबूद ने ग्रेटर हैदराबाद के हुदूद में दरख़ास्तों की जांच का काम महिकमा पुलिस के शोबा स्पेशल ब्रांच से कराने का फ़ैसला किया था और इस सिलसिले में अहकामात भी जारी किए गए।

लेकिन पुलिस ने इस तजवीज़ से इत्तेफ़ाक़ नहीं किया और हुकूमत ने भी इस तजवीज़ को मुस्तर्द कर दिया जिसके सबब दुबारा दरख़ास्तों की जांच का काम महिकमा माल को सौंप दिया गया है। इन कार्यवाईयों के सबब ज़ेर अलतवा दरख़ास्तों की जांच नहीं की जा सकी और हज़ारों दरख़ास्त गुज़ार पिछ्ले 6 माह से इमदादी रक़म का इंतेज़ार कर रहे हैं।

बताया जाता है कि ज़िला कलेक्टरस ने भी पुलिस के ज़रीये दरख़ास्तों की जांच की मुख़ालिफ़त की। पासपोर्ट दरख़ास्तों की जांच की तर्ज़ पर शादी मुबारक स्कीम की दरख़ास्तों की जांच की ज़िम्मेदारी एसबी को देने का फ़ैसला महिकमा के आला ओहदेदारों की ना-आक़ेबत अंदेशी को ज़ाहिर करता है। इस फ़ैसले ने ग़रीब अवाम की मुश्किलात में इज़ाफ़ा कर दिया है। सिर्फ हैदराबाद ज़िला में6000 से ज़ाइद दरख़ास्तें यकसूई की मुंतज़िर हैं और अवाम रोज़ाना दरख़ास्तों का मौकुफ़ जानने के लिए अक़लियती बहबूद के दफ़्तर के चक्कर काट रहे हैं।

एसबी को दरख़ास्तों की जांच के सिलसिले में एक नए सिस्टम और उसे ऑनलाइन करने की ज़रूरत थी लेकिन महिकमा पुलिस ने फ़लाही स्कीमात से मुताल्लिक़ दरख़ास्तों की जांच से ये कहते हुए इनकार कर दिया कि इस से पुलिस का काम मुतास्सिर हो जाएगा।

इन कार्यवाईयों में तीन माह से ज़ाइद का वक़्त गुज़र चुका है और दूसरी तरफ़ ग़रीब अवाम इमदाद से महरूम हैं।बताया जाता है कि रियासत भर में दरख़ास्तों की यकसूई की रफ़्तार इंतेहाई सुस्त है और जारीया साल छः माह के नताइज इंतेहाई मायूसकुन हैं।