ग़ाज़ा नाकाबंदी से इंसानी बुहरान में इज़ाफ़ा – अक़वामे मुत्तहदा

फ़लस्तीनी इलाक़ों के लिए अक़वम मुत्तहदा के को आर्डीनेटर ने ग़ाज़ा में बुनियादी इंसानी ज़रूरीयात की फ़राहमी मस्दूद कर दीए जाने की वजह से शहरीयों की मुश्किलात पर तशवीश ज़ाहिर की है।

इस तशवीशनाक सूरते हाल की वजह इसराईल की तरफ़ से जारी नाकाबंदी के बाइस ईंधन की अदम फ़राहमी और मिस्र की उबूरी हुकूमत की जानिब से सुरंगों की बंदिश बताई गई है।

अक़वामे मुत्तहदा के कोआर्डीनेटर जेम्ज़ रालय का कहना है कि एक साल के दौरान जिस बेहतरी की तवक़्क़ो थी वो नहीं हो सकी, मुझे अफ़सोस है कि 17 लाख की आबादी के हामिल ग़ाज़ा में हालिया एक साल के दौरान सूरते हाल पहले से भी ज़्यादा ख़राब हो गई है।