ग़ाज़ा सिटी,२३ नवंबर(ए एफ़ पी) अस्करीयत पसंद ग्रुपों और इसराईल के दरमयान एक हफ़्ता तवील शदीद लड़ाई के बाद मिस्र की सालसी वाली सुलह आज ग़ाज़ा पट्टी में नाफ़िज़ अल-अमल हो गई जबकि दोनों फ़रीक़ों ने फ़तह का दावा किया लेकिन बदस्तूर ख़ाइफ़ हैं।
ग़ाज़ा सिटी में एक हफ़्ते तक मुसलसल इसराईली फ़िज़ाई हमलों और फिर कल 1900 जी एमिटी (2:30 IST) पर सुलह का नफ़ाज़ शुरू होते ही रात भर जश्न के बाद आज सड़कों पर किसी क़दर मामूल की सूरत-ए-हाल देखी गई। मिस्र जिसने तवील मुज़ाकरात की सरपरस्ती की जिस के नतीजे में फ़ायरबंदी तय पाई, वहां के वज़ीर-ए-ख़ारजा मुहम्मद कामिल अमर ने क़ाहिरा में अमेरीकी सेक्रेटरी आफ़ स्टेट हिलारी क्लिन्टन के साथ जवाइंट न्यूज़ कान्फ्रेंस में ऐलान किया कि अदावतों पर रोक लगाई गई है।
अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सलामती कौंसल ने इसराईल और हमास से सीज़ फ़ायर का एहतिराम करने की अपील की और अमेरीकी सदर बराक ओबामा के साथ शामिल हो गई जिन्होंने मिस्र के सदर मुहम्मद मर्सी की तारीफ़ की कि उन्होंने ख़ूँरेज़ी के ख़ातमे के लिए सालसी की है।
14 नवंबर को इसराईल ने एक आला हमास कमांडर को हलाक करते हुए फ़िज़ाई हमले शुरू कर दिए थे जो मुसलसल एक हफ़्ता जारी रही। और अब ऐसा लग रहा है कि आसमानों में फिर से सुकून लौट आया है जिस पर मसरूर ग़ाज़ा वालों ने सड़कों पर निकल कर ख़ुशी मनाई।
बंदूक़ की फायरिंग और आतिशबाज़ी ने फिर भी रात के आसमान को रोशन किए रखा जहां इसराईली ड्रोन तय्यारों ( विमानो) की आसमान में घन गरज हनूज़ सुनाई दे रही थी, लेकिन मसाजिद से अल्लाह अकबर और मुज़ाहमत की फ़तह की सदाएं बुलंद हो रही हैं।
बाअज़ मुक़ामी बाशिंदों ने ग़ाज़ा की बरसर-ए-इक़तिदार हमास तहरीक के सब्ज़ पर्चम लहराए और दीगर ने मिस्री पर्चम थाम रखा था, जो सुलह के लिए मुज़ाकरात में क़ाहिरा के रोल को ख़िराज-ए-तहसीन है। 26 साला मई अबू वातफ़ा ने ए एफ़ पी को बताया कि में जंग के ख़ातमा और सुलह पर निहायत मसरूर हूँ।
में कशीदगी शुरू होने के बाद से घर से नहीं निकल पाया था। में अब आज़ादी महसूस कर रहा हूँ। नसीम हमदूना ने जो अपने बच्चों के साथ थे, कहा, हम जेल में थे। मैं बमबारी और जंग के ख़ातमा पर बेहद ख़ुश हूँ। में तशद्दुद के दौरान घर से निकला था और आज में वापस जा रहा हूँ।
शहर के बाअज़ हिस्सों में जश्न-ओ-ख़ुशी नुमायां तौर पर फ़ातिहाना नज़र आई, जहां हमास के मुसल्लह शोबा अज़दीन अल क़स्साम ब्रिगेड्स इस्तिक़बाल किया गया। जैसे ही सुलह पर अमल आवरी शुरू हुई, हमास के सरबराह ख़ालिद मशाल ने कहा कि इसराईल अपने तमाम मक़ासिद में नाकाम हो गया।
उन्होंने कहा कि आठ रोज़ के बाद अल्लाह ने उन के हाथों को ग़ाज़ा के अवाम से दूर ही रखा, और वो मुज़ाहमत के आगे मजबूर हो गए। उन्हों ने इसराईल को फ़ायरबंदी मुआहिदा की ख़िलाफ़वर्ज़ी के ख़िलाफ़ मुतनब्बा करते हुए क़ाहिरा की एक होटल में अख़बारी नुमाइंदों को बताया कि इसराईल अपने तमाम मक़ासिद में नाकाम हुआ है।
उन्होंने कहा, अगर तुम पाबंद अह्द रहते हो, तो हम पाबंद अह्द रहेंगे। अगर तुम पाबंद अह्द नहीं रहते हो, तो हमारे हाथों में राइफ़लें मौजूद हैं। और हम ख़ुद को बदस्तूर मुसल्लह करते रहेंगे। इसराईली वज़ीर-ए-दिफ़ा एहूद बारक ने भी इसी तरह की वार्निंग जारी की। उन्होंने आज इसराईली पब्लिक रेडीयो को बताया कि ये सीज़ फ़ायर नौ यौम भी क़ायम रह सकती है या नौ हफ़्ते या इससे कहीं ज़्यादा लेकिन अगर ये क़ायम ना रहे तो हम जानते हैं कि क्या करना है और बिलाशुबा हम हमारी कार्रवाई का अहया करने के इमकान पर ग़ौर करेंगे बशर्ते कि (दूसरी तरफ़ से) कोई फायरिंग या इश्तिआल अंगेज़ी हो।
उन्होंने कहा कि इस तरह के ऑप्रेशन ऐसी सूरत-ए-हाल पैदा कर सकता है जिसमें हमें ग़ाज़ा में बरसों तक रहना पड़ेगा।