ग़ाज़ीयाबाद ज़िला इंतिज़ामीया ( प्रशासन) और पुलिस मसूरी और डासना वाक़िया (घटना) के ज़िम्मेदार

लखनऊ, २५ सितंबर (सियासत न्यूज़) ग़ाज़ीयाबाद ज़िला के क़बज़ा, मसूरी और डासना (Dasna) में क़ुरआन मजीद की बेहुर्मती (अपमान) के ख़िलाफ़ 14 सितंबर को मुसलमानों पर फायरिंग किए जाने के मुआमला (घटना) में ज़िला हुक्काम (उच्च अधिकारीयों) को क़सूरवार गरदानते (ठहराते) हुए रियास्ती (राज्य सरकार) हुकूमत से ऐसे नाअहल (नाक़ाबिल) ज़िला हुक्काम के ख़िलाफ़ तादीबी (तनवीह से सम्बधित) कार्रवाई करने की सिफ़ारिश ख़ुद ज़िला के आला आफ़िसरान (अफ्सरो) ने की है, जिन्होंने इस पूरे मुआमले की इबतिदाई (प्रारम्भिक) जांच की है।

अभी तक हुकूमत ने इस अन्दोहनाक (खौफनाक)वाक़िया के सिलसिला में दो सीनीयर सब इन्सपेक्टरों और एक सब इन्सपेक्टर के ख़िलाफ़ कार्रवाई ज़िला हुक्काम की इबतिदाई जांच रिपोर्ट मिलने के बाद की है और इस मुआमले में ये दूसरी रिपोर्ट हुकूमत को दी गई है, जिस में ज़िला इंतिज़ामीया के बड़े अहलकारों (कर्मचारियों) को क़सूरवार ठहराया गया है।

दूसरी तरफ़ राष्ट्रीय लोक दल के जनरल सेक्रेटरी जो पार्लीमेंट (सांसद) जयंत चौधरी ने फ़सादज़दा (दंगे में हानी उठाने वाला) मसूरी क़स्बा और पीलटरा गाँव का दौरा करके मुतास्सिरा (पीड़ित)अफ़राद के अहल-ए-ख़ाना से मुलाक़ात की, जिन के घर वाले पुलिस फायरिंग में हलाक हुए थे।

बाद में जयंत चौधरी ने कहा कि मसूरी और डासना में जो कुछ हुआ इसके लिए ज़िला इंतिज़ामीया ( प्रशासन) ही ज़िम्मेदार है, जिस ने बगै़र आँसू गैस, लाठी चार्ज रबर गोलीयां चलाने के बजाय सीधे मुसलमानों के सीनों पर गोलीयां दाग़ दी। इसी असना में रियास्ती वज़ीर मुहम्मद आज़म ख़ां ने भी गुज़शता (पिछ्ली)और ग़ाज़ीयाबाद में फ़साद से मुतास्सिरा अफ़राद (पीड़ितो ) और बाअज़ मिली तंज़ीमों के वफ़द ( दल) से मुलाक़ात करके मसूरी और डसाना कस्बों में हुए फ़िर्कावाराना (धार्मिक) फ़सादाद की बाबत मालूमात हासिल कीं।

उन्होंने उन लोगों से ये भी कहा कि वो इस सिलसिले में उन के पास रामपुर आईं ताकि वो उन से तफ़सीली गुफ़्तगु (बातचीत) कर सकें। मुहम्मद आज़म ख़ां से मिलने वालों ने उन पर ये वाज़िह कर दिया हैकि जब तक क़सूरवार पुलिस और इंतिज़ामीया ( प्रशासन) के अहलकारों (कर्मचारियों) के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई नहीं होती है उस वक़्त तक मुसलमान चैन से नहीं बैठेंगे!