ग़िज़ाई अनाज‌ की क़ीमतों में इज़ाफ़ा ,अक्टूबर में महँगाई 9.75 फ़ीसद होगई

ग़िज़ाई अनाज‌ की क़ीमतों में जैसे कि शक्कर ,दालें और तर्कारीयों के अलावा पारचा जात की रीटेल क़ीमतों में मुसलसल इज़ाफ़ा की वजह से महँगाई अक्टूबर के महीना में 9.75 फ़ीसद होगया ।

सारिफ़ीन क़ीमतों के अशारीया के आदाद-ओ-शुमार के बमूजब जो आज जारी किए गए महिने अक्टूबर में अश्या-ए-ज़रुरीया की क़ीमतों में आज़म तरीन इज़ाफ़ा देखा गया ।

जैसा कि शक्कर‌ की क़ीमत में 19.61 फ़ीसद इज़ाफ़ा हुआ ।इसके बाद ख़ुर्दनी तेल की क़ीमत में 17.92 ,दालों की क़ीमत में 14.89 फ़ीसद इज़ाफ़ा देखा गया ।

सबज़ीयों और तर्कारीयों की क़ीमत में माह अक्टूबर में 10.74 फ़ीसद ,गोश्त और मछली की क़ीमत में 12.18 फ़ीसद इज़ाफ़ा दर्ज किया गया । पारचा जात और फूट वीर की क़ीमतों में इज़ाफ़ा हुआ जो 10.47 फ़ीसद था ।

शहरी इलाक़ों में रीटेल महँगाई माह अक्टूबर में औसतन 9.46 फ़ीसद था जबकि पिछ्ले माह में ये 9.72 फ़ीसद रिकार्ड किया गया था । ताहम देही इलाक़ों में इस माह के दौरान महँगाई में 9.98 फ़ीसद इज़ाफ़ा देखा गया जो पिछ्ले माह 9.79 फ़ीसद था ।

कल हिंद सतह पर अश्या-ए-ज़रुरीया की क़ीमतों में जैसे कि मौन फली में देही इलाक़ों में 126.7 और शहरी इलाक़ों में 124.9 फ़ीसद इज़ाफ़ा हुआ । वज़ीर-ए-ममलकत बराए आदाद-ओ-शुमार-ओ-प्रोग्राम अमल आवरी ( आज़ादाना चार्ज) सुरेकाइंग कुमार जीना ने कहा कि मुस्तक़िल इफ़रात-ए-ज़र तशवीशनाक है ।

रिज़र्व बैंक औफ़ इंडिया ने पिछ्ले माह ईज़हार-ए-तशवीश करते हुए सूद की शरहों में कोई तबदीली नहीं की थी ताहम आर बी आई ने नक़द रक़म के ज़ख़ाइर के तनासुब में 0.25 फ़ीसद कमी की थी ताकि 17500 करोड़ रुपय मआशी निज़ाम में दाख़िल करते हुए मज़ीद दीवालीया होने के वाक़ियात में कमी की जा सके ।