ग़िज़ाई तमानियत बिल हर हिन्दुस्तानी शहरी का बुनियादी हक़

ग़ुर्बत , नाख़्वान्दगी और कीमतों में इज़ाफे पर क़ाबू पाने में मर्कज़ नाकाम :सी पी आई
नई दिल्ली । 4 जुलाई । (एजैंसीज़ ) ग़िज़ाई तमानियत बिल को हर हिन्दुस्तानी शहरी का बुनियादी हक़ क़रार देते हुए कम्यूनिसट पार्टी आफ़ इंडिया ( सी पी आई) के क़ाइद अतुल अंजान ने बरसर-ए‍-इक़तेदार कांग्रेस पार्टी और मर्कज़ी हुकूमत पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि वो ग़ुर्बत , नाख़्वान्दगी और कीमतों में इज़ाफे पर क़ाबू पाने में नाकाम रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान के हर शहरी को ग़िज़ाई तमानियत का बुनियादी हक़ हासिल है लेकिन मर्कज़ी हुकूमत चाहती है कि इस हक़ को तक़सीम करदिया जाये , वो अवाम के दरमियान परेशानी पैदा करना चाहते हैं। अंजान ने कहा कि हर ख़ानदान को 35 किलोग्राम चावल और गेहूं 2 रुपय फ़ी किलोग्राम की शरह पर सरबराह किया जाना चाहीए ।

कांग्रेस गुज़िश्ता 54 साल 6 माह से बरसर-ए‍इक़तेदार है लेकिन वो अब तक ग़ुर्बत , नाख़्वान्दगी और कीमतों में इज़ाफे पर क़ाबू नहीं पा सकी । ग़िज़ाई तमानियत बिल पर पार्ल्यमेंट में बेहस होनी चाहीए । मर्कज़ी काबीना के इजलास में इस बिल पर तबादला-ए-ख़्याल ज़रूरी है । 13 जून को मर्कज़ी काबीना ने इस मसले पर इख़तेलाफ़ात की वजह से इस तजवीज़ पर तबादला-ए-ख़्याल मुल्तवी करदिया था।

मर्कज़ी वज़ीर फाईनान्स‌ पी चिदम़्बरम ने मर्कज़ी काबीना के इजलास के बाद कहा था कि हुकूमत पार्ल्यमेंट का एक ख़ुसूसी इजलास तलब करेगी ताकि मुजव्वज़ा क़ानून पर बेहस की जाये और उसे मंज़ूर किया जाये । क़ानून का मक़सद हिन्दुस्तान की आबादी के 67 फ़ीसद हिस्से को रियायती कीमत पर ग़िज़ाई अनाज‌ की सरबराही को क़ानूनी हक़ बना देना है । ग़िज़ाई तमानियत बिल पार्ल्यमेंट के बजट इजलास के दौरान ऐवान में पेश किया गया था लेकिन इस पर मुबाहिस नहीं होसके कियोंकी अपोज़ीशन ज़ेर-ए-क़ियादत ऐवान की कार्रवाई में स्क़ाम से मुताल्लिक़ इल्ज़ामात की बुनियाद पर मुसलसल ख़ललअंदाज़ी पैदा की गई । ग़िज़ाई तमानियत बिल का मक़सद मुल्क की 67 फ़ीसद आबादी को यकसाँ मिक़दार में 5किलोग्राम ग़िज़ाई अनाज‌ एक रुपया से 3 रुपया फ़ी किलोग्राम की शरह पर सरबराह करना है