ग़िज़ाई तमानीयत प्रोग्राम के मईशत पर मनफ़ी असरात की हुकूमत की जानिब से तरदीद

हुकूमत ने आज कहा कि नया ग़िज़ाई तमानीयत प्रोग्राम जिस पर आइन्दा 12 माह अमल आवरी की जाएगी। मालीयाती सूरत-ए-हाल पर मनफ़ी असरात मुरत्तिब नहीं करेगा। तारीख़ी ग़िज़ाई तमानीयत बिल मुल्क के 82 करोड़ अफ़राद को सस्ती क़ीमत पर ग़िज़ाई अजनास फ़राहम करने का तायक़ून‌ देता है। ये क़ानून 26 अगस्त को लोक सभा में मंज़ूर कर लिया गया है। मर्कज़ी वज़ीर अग़्ज़िया के वी थॉमस ने एक प्रैस कान्फ़्रैंस में कहा कि मौजूदा ग़िज़ाई सब्सीडी का तख़मीना 2011की मर्दुमशुमारी के मुताबिक़ 1.13 लाख करोड़ रुपये है।

सब्सीडी में 25 ता 30 फ़ीसद कमी की जा सकती है जो अवामी निज़ाम तक़सीम में इस्लाहात और स्कीम में कोताहियों दूर करने के नतीजे में मुम्किन है। रुपये की क़दर में इन्हितात का हिन्दुस्तानी मईशत पर कुछ असर मुरत्तिब होना मुम्किन है लेकिन ग़िज़ाई तमानीयत प्रोग्राम से जो सिर्फ़ 12 माह केलिए है, मुल्क की मईशत मुतास्सिर नहीं होगी। मर्कज़ी वज़ीरफाईनानस पी चिदम़्बरम ने कहा कि ग़िज़ाई तमानीयत बिल पर अमल आवरी से मालीयाती ख़सारा में कोई इज़ाफ़ा नहीं होगा। हुकूमत के पास 7 करोड़ 30 लाख टन ग़िज़ाई अजनास का ज़ख़ीरा गोदामों में मौजूद है जबकि नए प्रोग्राम के लिए 6 करोड़ 20 लाख टन ग़िज़ाई अजनास की ज़रूरत है।

वज़ीर अग़्ज़िया थॉमस ने कहा कि मज़ीद ग़िज़ाई अजनास जारीया साल की फ़सल से हासिल होने का इमकान है। उन्होंने कहा कि ग़िज़ाई तमानीयत बिल लोक सभा में मंज़ूर किया जा चुका है लेकिन इस से ऐसी कोई तबदीली पैदा नहीं हुई जिस से हिन्दुस्तानी मईशत मुतास्सिर होसकती हो। पहले ही ग़िज़ाई अजनास राशन दुकानों से फ़लाही इक़दाम के तौर पर रियायती क़ीमतों पर ग़रीब अवाम को फ़राहम की जा रही है। ग़िज़ाई तमानीयत बिल से कोई नई तबदीली पैदा नहीं होगी।