नई दिल्ली १९ दिसम्बर: ( पी टी आई ) मुल्क के ग़रीब अवाम को रियायती क़ीमत पर ग़िज़ाई अजनास की राह हमवार करते हुए हुकूमत ने आज ग़िज़ाई तहफ़्फ़ुज़ बल को मंज़ूरी दे दी । जिस के तहत आबादी के 63 फ़ीसद से ज़ाइद हिस्सा सस्ते दामों ग़िज़ाई अजनास हासिल करने का क़ानूनी तौर पर दावेदार होगा । इस के नतीजा में 27,663 करोड़ रुपय की इज़ाफ़ी सब्सीडी दरकार होगी । काबीना के ख़ुसूसी इजलास में जिस की सदारत वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने की , आज इस बल को मंज़ूरी दे दी गई । स्कीम के तहत तरजीही घरानों में हर शख़्स को 7 केलो चावल , गेहूं और अनाज फ़ी माह बिलतर्तीब 3 रुपय , 2 रुपय और 1 रुपया फ़ी केलो फ़राहम किए जाऐंगे । ये तक़सीम इसी बुनियाद पर होगी जिस तरह मौजूदा अवामी निज़ाम तक़सीम के तहत सतह ग़ुर्बत से नीचे ज़िंदगी गुज़ारने वालों को ये अशीया सरबराह की जा रही हैं । इस बल पर अमल आवरी के नतीजा में एक अंदाज़ा के मुताबिक़ 27,663 करोड़ रुपय सब्सीडी दरकार होगी । इस तरह मजमूई तौर पर हुकूमत तक़रीबन 95 हज़ार करोड़ रुपय की सब्सीडी फ़राहम करेगी । ये बिल सदर नशीन यू पी ए सोनीया गांधी के अनोखे और मुनफ़रद पराजकट की अमली शक्ल है । कांग्रेस पार्टी ने 2009 -ए-के आम इंतिख़ाबात में ग़िज़ाई तहफ़्फ़ुज़ बल को इंतिख़ाबी मंशूर में शामिल किया था ।
सितंबर 2009 -ए-से वज़ीर फ़ीनानस परनब मुकर्जी की ज़ेर-ए-क़ियादत बा इख़तियार वज़ारती ग्रुप मुसलसल इस बल के ताल्लुक़ से जायज़ा ले रहा है । वज़ीर-ए-ज़राअत शरद पवार ने खुले आम इस पर तन्क़ीद की है क्योंकि हुकूमत पर ग़ैरमामूली मालीयाती बोझ आइद होरहा है इस के इलावा मुजव्वज़ा क़ानून के तहत दरकार अजनास का हुसूल भी एक मुश्किल मरहला है । हुकूमत को ग़िज़ाई तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम करने केलिए 61 मुलैय्यन टन अजनास की ज़रूरत होगी जबकि मौजूदा अवामी निज़ाम तक़सीम ( पी डी ऐस) के तहत 55 मुलैय्यन टन अजनास की ज़रूरत है । वज़ीर तग़ज़िया के वे थॉमस ने गुज़श्ता हफ़्ता सीनीयर का बीनी वुज़रा (बिशमोल यू पी ए हलीफ़) से मुलाक़ात की ताकि शरद पवार और तृणमूल कांग्रेस की जानिब से इख़तिलाफ़ के पस-ए-मंज़र में इत्तिफ़ाक़ राय पैदा किया जा सके । इस बल के तहत ग़रीब अवाम को ना सिर्फ सस्ते दामों ग़िज़ाई अजनास की फ़राहमी यक़ीनी बनाई जा रही है बल्कि आम घरेलू ज़मुरा के तहत हर शख़्स को कम अज़ कम 3 केलो ग़िज़ाई अजनास भी फ़राहम किया जा रहा है और ये अजनास अक़ल्ल तरीन इमदादी क़ीमत से 50 फ़ीसद ज़ाइद ना हो । हुकूमत ने हामिला ख़वातीन , दूध पिलाने वाली माओं , बच्चों , बेघर अफ़राद और फ़ाक़ाकशी का शिकार अफ़राद केलिए ख़ुसूसी इक़दामात का ऐलान किया है । देही इलाक़ों में आबादी के 75 फ़ीसद हिस्सा का इस बल के तहत अहाता किया जाएगा जहां कम अज़ कम 46 फ़ीसद तरजीही घरेलू घरानों के ज़मुरा में शामिल हैं ।
शहरी इलाक़ों में 50 फ़ीसद आबादी का अहाता किया जाएगा जबकि तक़रीबन 28 फ़ीसद तरजीही ज़मुरा के तहत आते हैं । काबीना के इजलास के बाद अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए थॉमस ने कहा कि पार्लीमैंट के जारी सैशन में उसे मुतआरिफ़ करने का फ़ैसला किया गया है । उन्हों ने बताया कि बल पर तबादला-ए-ख़्याल के बाद उसे मुत्तफ़िक़ा तौर पर मंज़ूरी दी गई । उन्हों ने कहा कि हम ने जो कुछ तजावीज़ पेश की उन्हें मंज़ूर किया गया है । अजनास की रियायती क़ीमतें उस वक़्त राशन शॉप्स के ज़रीया मग़रिबी अवाम को फ़राहम किए जाने वाले अजनास की क़ीमतों से काफ़ी कम है । मौजूदा पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत 35 केलो गेहूं और चावल फ़ी माह हर ख़ानदान को बिलतर्तीब 4.15 रुपय और 5.65 रुपय फ़ी केलो फ़राहम किया जा रहा है और 6.52 करोड़ बी पी ईल ख़ानदानों का अहाता किया जा रहा है । आम ज़मुरा कम अज़ कम 3 केलो अजनास हासिल करसकेगा और इस की क़ीमत अक़ल्ल तरीन इमदादी क़ीमत के 50 फ़ीसद से मुतजाविज़ नहीं होगी । उस वक़्त तक़रीबन 11.5 करोड़ सतह ग़ुर्बत से ऊपर ज़िंदगी गुज़ारने वालों ख़ानदानों को कम अज़ कम 15 केलो गेहूं और चावल फ़ी माह बिलतर्तीब 6.10 रुपय और 8.30 रुपय फ़ी केलो फ़राहम किया जा रहा है ।
थॉमस ने बताया कि इस क़ानून पर अमल आवरी के नतीजा में 3.5 लाख करोड़ रुपय का मालीयाती बोझ आइद होगा और ज़रई पैदावार में इज़ाफ़ा , ज़ख़ीराअंदोजी के मराकज़ की फ़राहमी के इलावा तशहीर केलिए रक़म दरकार होगी । सोनीया गांधी की ज़ेर-ए-क़ियादत क़ौमी मुशावरती कौंसल और वज़ीर-ए-आज़म की मआशी मुशावरती कौंसल सदर नशीन सी रंगा राजन की ज़ेर-ए-क़ियादत माहिरीन की कमेटी ने इस बल पर अपनी सिफ़ारिशात पेश की हैं ।