ग़िज़ाई क़ानून पर रियास्तों के साथ तबादला-ए-ख़्याल के लिए

मर्कज़ का दो रोज़ा कुल रियास्ती इजलास तल्ब
ग़िज़ाई तमानीयत क़ानून की बेशतर रियास्तों में बलारुकावट अमल आवरी को आइन्दा आम इंतेख़ाबात से क़बल यक़ीनी बनाने के लिए मर्कज़ ने रियास्ती वुज़राए अग़्ज़िया और मोतमिद यन का एक दो रोज़ा इजलास जारीया माह के आख़िर में तल्ब किया है।

मर्कज़ी विज़ारत अग़्ज़िया की तरफ‌ से तल्ब करदा ये अव्वलीन इजलास है जो इस क़ानून की पार्लियामेंट में तक़रीबन 300 तरमीमात के बाद मंज़ूरी के तसलसुल में तल्ब किया जा रहा है। तवक़्क़ो है कि जल्द ही इस पर सदर जम्हूरीया के दस्तख़त भी हो जाएंगे और ये तारीख़ी क़ानून बन जाएगा। इजलास 23 और 24 सितंबर को मुक़र्रर किया गया है।

मर्कज़ी वज़ीर अग़्ज़िया के वि थॉमस ने कहा कि तमाम रियास्तों के वुज़राए अग़्ज़िया और मोतमिद को ग़िज़ाई तमानीयत क़ानून पर अमल आवरी के सिलसिले में तबादला-ए-ख़्याल की दावत दी गई है। इजलास में अवामी निज़ाम तक़सीम के इस्तिहकाम और जदीद कारी पर भी तबादला-ए-ख़्याल किया जाएगा ताकि इस में मौजूद कोताहियां कम की जा सकीं और ग़िज़ाई तमानीयत प्रोग्राम को कामयाब बनाया जा सके जिस का इन्हिसार एक मोस्सर अवामी निज़ाम तक़सीम पर ही है।

ये इजलास तमाम रियास्ती हुकूमतों पर ज़ोर देगा कि गोदाम तामीर किए जाएं ताकि अवामी निज़ाम तक़सीम के लिए इन में कम अज़ कम चार माह के ग़िज़ाई अजनास का ज़ख़ीरा किया जा सके। इस्तिफ़ादा कुनिंदा की शनाख़्त , तहफ़्फ़ुज़ याफ़ता रियास्तों की शनाख़्त, उनका मौजूदा अहाता और रियास्तों को अपनी स्कीमों की आज़ादी देने पर ग़ौर किया जाएगा। तारीख़ी ग़िज़ाई तमानीयत क़ानून के तहत रियायती क़ीमत पर मुल्क की आबादी की दो तिहाई को ग़िज़ाई अजनास की फ़राहमी यक़ीनी बनाई जाएगी।

5 किलो चावल, गेहूं और मोटे अजनास हर माह फी कस अली उल-तरतीब तीन, दो, एक रुपया फ़ी किलोग्राम की शरह पर सरबराह किए जाऐंगे। हुकूमत इस प्रोग्राम पर एक लाख 30 हज़ार करोड़ रुपय ख़र्च करेगी।