मौलाना ख़ुसरो पाशाह बाअमल सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड मुहम्मद फ़िरोज़ ख़ान का ब्यान
हैदराबाद 23 अक्टूबर (सियासत न्यूज़ ) रियास्ती वक़्फ़ बोर्ड की एक साला कारकर्दगी पर सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड मौलाना सय्यद अफ़ज़ल ब्याबानी ख़ुसरो पाशाह को मुबारकबाद पेश करते हुए ग्रेटर हैदराबाद के कांग्रेसी क़ाइद मुहम्मद फ़िरोज़ ख़ान ने कहा कि वक़्फ़ बोर्ड को शहर और मज़ाफ़ाती इलाक़ों में ग़ैर आबाद और क़ाबज़ीन के कंट्रोल में मौजूद मसाजिद के तहफ़्फ़ुज़ केलिए इक़दामात करने चाहीए । फ़िरोज़ ख़ान ने सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड की एक साला कारकर्दगी को वक़्फ़ बोर्ड की तारीख़ में सुनहरे दौर का आग़ाज़ क़रार देते हुए कहा कि एक साला मुद्दत के दौरान ख़ुसरो पाशाह की ख़ुसूसी दिलचस्पी से बोर्ड ने ओक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के सिलसिला में संजीदगी के साथ इक़दामात किए हैं। उन्हों ने कहाकि मौलाना ख़ुसरो पाशाह ने ओहदे की ज़िम्मेदारी सँभालते वक़्त मुस्लमानों को जो तयक़ुन दिया था इस पर उन्हों ने अमल दिखाया । एक साला कारकर्दगी से ये बात साबित होती है कि सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड ओक़ाफ़ी आराज़ीयात के तहफ़्फ़ुज़ और तरक़्क़ी में संजीदा हैं । उन्हों ने कहाकि नाजायज़ क़ाबज़ीन को 2000 से ज़ाइद नोटिसों की इजराई यक़ीनन एक कारनामा है । ताहम ज़रूरत इस बात की है कि सिर्फ नोटिसों की इजराई की बजाय उन पर अमल आवरी के इक़दामात किए जाएं । ता कि क़ीमती जायदादों का तहफ़्फ़ुज़ होसके । उन्हों ने कहा कि हज हाइज़ की इमारत के बाज़ू कमर्शियल कामपलकस की तामीर का मंसूबा वक़्फ़ बोर्ड की आमदनी में इज़ाफ़ा का अहम ज़रीया बन सकता है । उन्हों ने कहा कि अगर वक़्फ़ बोर्ड तमाम क़ीमती वक़्फ़ जायदादों का तहफ़्फ़ुज़ करले तो अक़ल्लीयती बहबूद केलिए हुकूमत के फंड्स की ज़रूरत नहीं पड़े गी । उन्हों ने उम्मीद ज़ाहिर की कि आने वाले दिनों में मौलाना ख़ुसरो पाशाह अपनी बेहतर कारकर्दगी का तसलसुल जारी रखते हुए एक मिसाली सदर नशीन साबित होंगे । उन्हों ने कहा कि लैंको हिलज़ की ओक़ाफ़ी अराज़ी के तहफ़्फ़ुज़ केलिए वक़्फ़ बोर्ड को अपनी मसाई में शिद्दत पैदा करनी चाहीए । फ़िरोज़ ख़ान ने कहा कि रोज़नामा सियासत शहर और इस के अतराफ़ के इलाक़ों में जिन ग़ैर आबाद मसाजिद की निशानदेही कररहा है वो काबिल-ए-सिताइश है । वक़्फ़ बोर्ड को चाहीए कि वो इन मसाजिद के तहफ़्फ़ुज़ केलिए ऐक्शण प्लान तैय्यार करे । उन मसाजिद की तज़ईन नौ और तामीर केलिए ख़ुसूसी फंड्स जारी किए जाएं और ये काम वक़्फ़ बोर्ड की निगरानी में अंजाम दिया जाय ।बाद में मुक़ामी अफ़राद पर मुश्तमिल कमेटीयों को तशकील देते हुए इंतिज़ामी कमेटीयों के हवाले कियाजाए ।