नई दिल्ली । प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ओर ईरान के राष्ट्रपती महमूद अहमदी निज़ाद ने अगस्त में तहरान में तय कि गइ ग़ैर जांबदार तहरीक की चोटी कान्फ़्रैंस में शरीक होने की सरकारी तौर पर दावत दी। ये दावतनामा ईरान के वज़ीर-ए-ख़ारजा(वीदेशमंत्री) अली अकबर सालही ने वीशेष कासीद कि हैसीयत से मुलाक़ात करके प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के हवाले किया।
इस बात की पक्कि खबर हासिल नहीं होसकी कि क्या प्रधान मंत्री 120 रुकनी जांबदार तहरीक चोटी कान्फ़्रैंस में शरीक होने के लिए ईरान जाएंगे।
ज़राए(सुत्रो) के मुताबिक हिंदूस्तान को ईरान के साथ संबधों में कमी करने के लिए ज़बरदस्त अमेरीकी दबाव का सामना है। खासतौर पर तेल की दरामदात के सिलसिले में दबाव डाला जा रहा है क्योंकि बाज़ मुल्कों की तरफ से पाबंदीयां लगाइ गई हैं। लेकिन वज़ीर-ए-ख़ारजा(वीदेश मंत्री) एस एम कृष्णा ने कल वाज़िह कर दिया कि ईरान से तेल की दरामद के बारे में अमेरीकी दबाव हम क़बूल नही करेंगे।