नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (पी टी आई) क़ौमी सलामती मुशीर शिव शंकर मेनन ने आज कहा कि हिंदूस्तान के पड़ोस में ग़ैर मुमलिकती अनासिर सरकारी उमूर अंजाम दे रहे हैं, जो ज़ाहिर तौर पर पाकिस्तान और अफ़्ग़ानिस्तान में सरगर्म इंतिहापसंद ग्रुपों की तरफ़ इशारा है।
जो कुछ में देख रहा हूँ, इस में 60 फीसदी ऐसा है कि ममलकत का मुआमला ममलकत से नहीं। हम अपने क़रीबी पड़ोस में ऐसा देख रहे हैं, उन्हों ने ये बात पहली क़ौमी कान्फ़्रैंस बराए बैन-उल-अक़वामी ताल्लुक़ात में एक सैशन की सदारत करते हुए कही। मेनन ने किसी मलिक का नाम लिए बगै़र कहा कि नाम निहाद ग़ैर मुमलिकती अनासिर हैं जो मुमलिकती काम काज सँभाल रहे हैं।
वो ममलकत की तरफ़ से काम कर रहे हैं। अमरीका ने पाकिस्तान की मिल्ट्री के ज़ेर-ए-इंतज़ाम एंटर सरवेसज़ अनटलीजनस (आई ऐस आई) पर अपनी हक़ीक़ी तंज़ीम हक़्क़ानी नट वर्क की मदद करने का इल्ज़ाम लगाया ही, जो अफ़्ग़ानिस्तान में अमरीकी और नाटो सैंटरों पर हमले करता है।
पाकिस्तान ने 2008-ए-मुंबई दहश्त गिरदाना हमलों में अपने रोल की तरदीद की और इस के लिए ग़ैर मुमलिकती अनासिर को मौरिद इल्ज़ाम ठहराया है।
दुनिया में ताक़त की बदलती सूरत-ए-हाल पर बात करते हुए मेनन ने कहा कि टैक्नालोजी के इलावा ग़ैर रिवायती अवामिल जैसे ग़िज़ा और तवानाई सलामती इस तबदीली के मुहर्रिक अवामिल हैं। मेनन ने कहा कि ताक़त बड़ी मुमलकतों से अवाम के छोटे ग्रुपों के हाथों में मुंतक़िल हो रही है।
ताक़त की नौईयत में बुनियादी तबदीलीयां हो रही हैं। बैन-उल-अक़वामी ताल्लुक़ात की नौईयत भी बदल रही है। उन्होंने कहा कि हिंदूस्तान को इस तबदीली को सँभालने की ज़रूरत है ताकि ताक़त की तबदीली का तवाज़ुन उसी की तरफ़ रही। मेनन ने बैन-उल-अक़वामी ताल्लुक़ात पर हिंदूस्तानी नुक़्ता-ए-नज़र को फ़रोग़ देने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।