एक कमयाब इक़दाम करते हुए सदर अमरीका बारक ओबामा ने अक़वामे मुत्तहिदा के सलामती कौंसिल के एक अहम इजलास की सदारत की जिस में एक क़रारदाद मुत्तफ़िक़ा तौर पर मंज़ूर करते हुए मुतालिबा किया गया कि तमाम रुक्न ममालिक ग़ैर मुल्की जिहादीयों की दहश्तगर्द ग्रुप्स में शमूलीयत जैसे दाइश में शमूलीयत को रोकने के लिए कार्रवाई करें।
मशरिक़ वुस्ता और दीगर मुक़ामात पर ये दहश्तगर्द फ़ौरी तौर पर इलाक़ाई अवाम के लिए ख़तरा बन गए हैं। कई वाक़ियात सामने आचुके हैं जिन से ज़ाहिर होता है कि ये अफ़राद अपने वतन वापिस होकर इसी किस्म के मोहलिक हमले करना चाहते हैं। ओबामा ने कल अपनी तक़रीर में इस का इन्किशाफ़ किया था।
उन्हों ने कहा कि अमरीकी सुराग़ रसां महकमों के तख़मीना के बामूजिब 15 हज़ार से ज़्यादा ग़ैर मुल्की जंगजू जिन का ताल्लुक़ 80 से ज़्यादा ममालिक से है, हालिया बर्सों में शाम पहूंच चुके हैं और उन में से कई दहश्तगर्द तंज़ीमों जैसी अलक़ायदा से मुल्हिक़ अल नस्रा महाज़ में शमूलीयत अख़्तियार कर चुके हैं।