गुज़श्ता तीन बरसों के दौरान मुनश्शियात के मुताल्लिक़ मुआमलात में 105 ग़ैर मुक़ीम हिंदुस्तानियों को हिरासत में लिया गया है। उन्हें रिहाई के लिए बैरून-ए-मुल्क वाक़्य मिशनों की तरफ़ से क़ानूनी इम्दाद फ़राहम की गई है। ये इत्तेला ग़ैर मुक़ीम हिंदुस्तानी शहरीयों से मुताल्लिक़ उमूर के वज़ीर वयालाररवी ने दी है।
उन्होंने लोक सभा में एक तहरीरी जवाब में बताया कि हिंद की बैरून-ए-मुल्क मिशनों पोस्टों के इल्म में ये बात लाई गई है कि बाअज़ ग़ैर मुक़ीम हिंदुस्तानी शहरी मुनश्शियात की वबा में मुब्तिला हैं। इन इदारों की इत्तेलाआत के मुताबिक़ गुज़श्ता तीन बरसों के दौरान 105 हिंदुस्तानी शहरीयों को मुनश्शियात से मुताल्लिक़ मुआमलात में ज़ेर-ए-हिरासत लिया गया है।
उन्होंने बताया कि बैरून-ए-मुल्क क़ायम हिंदुस्तानी मिशन पोस्टों के ज़रीया इल्म में लाए जाने पर वो हिंदुस्तानी शहरीयों की मदद भी करते हैं।