महबूबनगर /24 नवंबर ( सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़ ) निकाह के मौक़ा पर ग़ैर शरई रसूम-ओ-रिवाज खासतौर पर जोड़े घोड़े की लानत के ख़ातमा केलिए महबूबनगर में एहसास कमेटी बेहतर काम कर रही है । रॉयल फंक्शन हाल में मुनाक़िदा एक इजलास में कई उलमाए देन ने इस लानत को ख़तन करने के ताल्लुक़ से मुस्लमानों से ख़ाहिश की । मौलाना सिंह-ए-अल्लाह क़ासिमी ने इस सिलसिले में कहाकि घोड़े जोड़े की रक़म माँगना एक बैन-उल-अक़वामी जुर्म है जबकि हिंदूस्तान पाकिस्तान बंगला देश और माइमार जैसे ममालिक में हक़ूक़-ए-इंसानी कमीशन ने उसे जुर्म क़रार दिया है । एक मजबूर बाप को जहेज़ जैसी लानत के इलावा शादी की तक़रीब में काफ़ी ख़र्चा करके तरह तरह के पकवान से फांसी लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है । उन्हों ने इस जुर्म के ख़िलाफ़ मुक़ाबला करने केलिए एहसास कमेटी के क़ियाम को एक ज़रूरी क़दम बताया है और कहा कि दुनिया के क़वानीन के इलावा पार्लीमैंट और असैंबली के क़वानीन तबदील किए जा सकते हैं लेकिन इस्लाम के क़वानीन किसी सूरत में तबदील नहीं किए जा सकती। इस्लाम के क़वानीन में जोड़े घोड़े का दख़ल ही नहीं है । लिहाज़ा जोड़े घोड़े के मांगने वाले ना सिर्फ जुर्म का इर्तिकाब कर रहे हैं बल्कि ग़रीब लड़कीयों के माँ बाप को परेशानीयों में मुबतला कर रहे हैं । मौलाना मुनीर उद्दीन ख़तीब मस्जिद हज़िरि ने भी इज़हार-ए-ख़्याल किया और कहा कि इस्लाम ने निकाह को इबादत का दर्जा दिया है और ज़ना को बदकारी क़रार दिया है । मौलाना शकील अहमद ख़तीब मोती मस्जिद ने भी मुख़ातब किया और कहा कि मुस्लमानों में फैली बराएओं को उजागर करते हुए लहू-ओ-लाब से गुरेज़ करने की ज़रूरत है । जनाब सय्यद अमीन उद्दीन कादरी नायब सदर जामि मस्जिद महबूबनगर सय्यद शफ़ी उद्दीन ज़ाहिद हुसैन हाश्मी , जनाब मुहम्मद अब्दुह लहा दी ऐडवोकेट , जनाब मक़सूद अहमद ज़ाकिर ऐडवोकेट , मौलाना इलयास क़ासिमी मुहम्मद बशीर अहमद मुहम्मद जहांगीर और मिर्ज़ा क़ुद्दूस बैग वग़ैरा इस मौक़ा पर मौजूद थे.