ग़ज़ा में गुज़िशता 3 हफ़्तों के दौरान इसराईली तशद्दुद ने जहां सारी दुनिया को तशवीश में मुबतला कर रखा है वहीं सलतनत मुत्तहदा (यू के) इस सूरत-ए-हाल से बुरी तरह ख़ाइफ़ है। गुज़िशता रोज़ अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की जनरल असेम्बली में ग़ज़ा की सूरत-ए-हाल पर मुबाहिस हुए जिस में बर्तानवी मिशन बराए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के सफ़ीर लयाल ग्रांट ने हिस्सा लेते हुए अपने वतन के तास्सुरात से आलमी बिरादरी को वाक़िफ़ कराया।
उन्हों ने कहा कि हमें लग भग 2000 जानों बिशमोल ज़ाइद अज़ 400 बच्चों के इत्तिलाफ़ पर सख़्त तशवीश है। मज़ीद हज़ारों अफ़राद ज़ख़मी हुए हैं। सैंकड़ों हज़ार लोग बेघर होचुके हैं। ग़ज़ा का कलीदी इनफ्रास्ट्रक्चर तबाह होचुका है। वहां के लोगों को बदतरीन नौईयत का इंसानी बोहरान दरपेश है।
हम पुरज़ोर अपील करते हैं कि उनकी मुश्किलात ख़त्म की जाएं। इस के लिए बड़े पैमाने पर और मरबूत बैन-उल-अक़वामी सुई दरकार होगी और तमाम फ़रीक़ों की तरफ़ से अह्द करना होगा कि तशद्दुद को ख़ैरबाद कह देंगे। बर्तानवी सफ़ीर ग्रांट ने कहा कि जंग बंदी की कामयाबी के लिए ग़ज़ा की सूरत-ए-हाल में फ़िलवाक़े तबदीली लानी होगी।
हमें मौजूदा हालात को जूं का तूं नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने मज़ीद कहा कि बर्तानिया ग़ज़ा में अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के स्कूलों पर शलबारी से दहशत ज़दा सी कैफ़ीयत में मुबतला है जहां कई बेक़सूर शहरीयों की हलाकत हुई। इसी तरह बेशुमार लोगों को पनाह गज़ीनों की हैसियत से ज़िंदगी गुज़ारने पर मजबूर होना पड़ रहा है।