बैंगलोर, 05 मार्च: ( पी टी आई ) क़ौमी तहक़ीक़ाती एजेंसी की एक अदालत ने आज एक मुश्तबा दहशतगर्द के वालदैन को ज़मानतों से मुताल्लिक़ मुनासिब दस्तावेज़ात दाख़िल करने की हिदायत दी क्योंकि उसे पेश करदा सनदों पर बे इत्मीनानी है । ये मुल्ज़िम तीन रियासतों में बड़े सियासतदानों और सहाफ़ीयों को हलाक करने की साज़िश में मुबय्यना तौर पर मुलव्वस है ।
इस मुल्ज़िम की पैरवी करने वाले वकील मुहम्मद सुलतान बयारी ने कहा कि अदालत ने एजाज़ अहमद मिर्ज़ा के वालदैन की पेश करदा ज़मानतों से मुताल्लिक़ दस्तावेज़ात पर एतराज़ किया है और उन्हें अपने फ़र्ज़ंद की रिहाई को यक़ीनी बनाने केलिए मुनासिब काग़ज़ात पेश करने की हिदायत दी ।
मुहम्मद सुलतान ने कहा कि इस जोड़े को अदालत में तमाम ज़वाबत की तकमील के बाद आज अपने फ़र्ज़ंद को रिहाई मिल जाने की तवक़्क़ो थी। ताहम अब ये केस कल पर डाल दिया गया है । एन आई ए कोर्ट ने 28 फ़रवरी को मिर्ज़ा की क़ानूनी ज़मानत पर रिहाई का हुक्म दिया था क्योंकि एन आई ए इसके ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल करने में नाकाम हो गई ।
मिर्ज़ा डी आर डी ओ में साइंटिस्ट की हैसियत से काम करता है । अदालत ने 25 हज़ार रुपये के 2 मुचल्का पेश करने पर उसकी रिहाई के अहकाम जारी किए थे और मिर्ज़ा को अपना पासपोर्ट हवाला कर देने की हिदायत दी थी ।
इस केस में दो दीगर मुश्तबा मुल्ज़िमीन 26 फ़रवरी को इसी अदालत के अहकाम पर रिहा किए जा चुके हैं।