प्रदेश कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी आबिद रसूल ख़ां ने चीफ़ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी से मुलाक़ात करते हुए ग़रीबों में तक़सीम की जाने वाली ज़मिनात मुस्लमानों को भी हिस्सा देने का मुतालिबा किया।
हुकूमत 3 नवंबर से रियासत के बे ज़मीन ग़रीब अवाम में ज़मिनात की तक़सीम के 6 मरहला का शुरुआत कर रही है, इस सिलसिले में आबिद रसूल ख़ां ने चीफ़ मिनिस्टर और रियास्ती वज़ीर माल एन रघू वीरा रेड्डी से मुलाक़ात करते हुए ग़रीब अवाम में ज़मिनात की तक़सीम की सताइश की, ज़मिनात की तक़सीम में मुस्लमानों को नजरअंदाज़ करने पर तशवीश का इज़हार किया।
उन्होंने कहा के अब तक रियासत में पाँच मरहलों में लाखों एकड़ ज़मीं तक़सीम की गई है, मगर रियासत के बारह फ़ीसद मुस्लमानों में एक फ़ीसद ज़मीं भी तक़सीम नहीं की गई।
लिहाज़ा पाँच मरहलों की तक़सीम में मुस्लमानों के साथ जो नाइंसाफ़ी हुई है, इस का 6 मरहला में अज़ाला करदेना चाहीए। मिस्टर आबिद रसूल ख़ां ने बताया के सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्रा कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में मुस्लमानों को पसमांदा तबक़ात से पिछड़ा हुव क़रार देते हुए उन की समाजी-ओ-मआशी तरक़्क़ी के लिए ठोस इक़दामात की तजावीज़ पेश की है।
कांग्रेस की कामयाबी में मुस्लमानों ने अहम रोल अदा किया है, लिहाज़ा हुकूमत की इसकीमात में मुस्लमानों को भी बराबर का हिस्सा मिलना चाहीए। उन्हों ने कहा के वज़ीर ए आज़म के 15 नकाती प्रोग्राम में भी मुस्लमानों की तरक़्क़ी के लिए इक़दामात की तलक़ीन की गई है।
ज़मिनात की तक़सीम में मुस्लमानों को भी शामिल करने की ज़रूरत है। उन्हों ने बताया के उन के मुतालेबा पर चीफ़ मिनिस्टर और रियासती वज़ीरे माल ने हमदर्दाना ग़ौर का तीक़न दिया है।