ज़मीं हासिल करने का जीओ 123 कैंसिल, हुकूमत ख़ानगी प्रॉपर्टी डीलर नही

हैदराबाद 04 अगस्त:तेलंगाना हुकूमत की तरफ से मुख़्तलिफ़ प्रोजेक्ट्स की तामीर के लिए ज़मीं हासिल करने की कोशिशों को उस वक़्त धक्का लगा जब हैदराबाद हाइकोर्ट ने ज़मीं हासिल करने से मुताल्लिक़ जीओ 123 को कुलअदम कर दिया।

अदालत ने अवामी मक़ासिद और प्रोजेक्ट्स के लिए अराज़ी के हुसूल की हुकूमत की कोशिशों पर रिमार्क्स करते हुए कहा कि हुकूमत कोई ख़ानगी प्रॉपर्टी डीलर नहीं है । जस्टिस सुरेश कुमार केत ने ये अहम फ़ैसला सुनाया जिससे तेलंगाना में कई प्रोजेक्ट्स मल्लनासागर के मुतास्सिर होने के अंदेशा है।

जीओ 123 के ज़रीये हुकूमत ज़मीन मालकीयन से ज़मीन के हुसूल को जल्द यक़ीनी बनाने का मन्सूबा रखती है। अदालत ने मेदक के जारा सिंघम मंडल के मौज़ा बरदीपुर से ताल्लुक़ रखने वाले तकमां और 22 दूसरे ज़रई मज़दूरों की दरख़ास्त की समाअत करते हुए ये फ़ैसला सुनाया।

दरख़ास्त गुज़ारूँ ने अदालत को बताया कि हुकूमत नेशनल अमुसेमेंट के क़ियाम के लिए उनकी ज़मीनात हासिल कर रही हैं। तेलंगाना स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन की तरफ से ये ज़ोन क़ायम किया जा रहा है। दरख़ास्त गुज़ारूँ ने बताया कि वो एससी कम्यूनिटी से ताल्लुक़ रखने वाले ज़रई मज़दूर हैं और अराज़ी के हुसूल की सूरत में वो अपनी रोज़ी रोटी से महरूम होजाएंगे।

अदालत ने अराज़ी के हुसूल से मुताल्लिक़ क़ानून 30 , 2013 की मौजूदगी में नए क़ानून की तैयारी पर सवाल उठाया। जज ने कहा कि अराज़ी के हुसूल के लिए क़ानून की मौजूदगी के बावजूद इस जीओ की क्या ज़रूरत थी। एक्ट 30 , 2013 के तहत बे-ज़मीन ग़रीबों को मुख़्तलिफ़ फ़वाइद की गुंजाइश रखी गई है। जीओ 123 जो जुलाई 2015 में तेलंगाना हुकूमत ने जारी किया इस में ज़रई मज़दूरों के लिए किसी रियाइत या इमदाद की कोई गुंजाइश नहीं है।

वाज़िह रहे कि तेलंगाना हुकूमत ने जीओ 123 के तहत मुख़्तलिफ़ प्रोजेक्टस के लिए ज़मीनात के हुसूल का आग़ाज़ किया है और मल्लनासागर प्रोजेक्ट के मसले पर ज़बरदस्त तनाज़ा जारी है। एसे में अदालत का ये फ़ैसला तेलंगाना हुकूमत के लिए बेहतर नताइज का हामिल साबित होगा।

बताया जाता है कि हुकूमत इस फ़ैसले को डीवीझ़न बेंच पर चैलेंज करने का फ़ैसला कर चुकी है। दूसरी तरफ़ अप्पोज़ीशन जमातों ने इस फ़ैसले का ख़ौरमक़दम किया और कांग्रेस के हेडक्वार्टर गांधी भवन में क़ाइदीन ने आपस में मिठाई तक़सीम की।