ज़मीन तहवील ऑर्डिनेंस के खिलाफ गोलबंदी

झारखंड में भी ज़मीन तहवील ऑर्डिनेंस के खिलाफ बिगुल बज चुका है। बुध को भाकपा दफ्तर में इसके खिलाफ तहरीक छेड़ने की पॉलिसी बनाई गई। सड़क से पार्लियामेंट तक तहरीक करने का अहद लिया। तहरीक को वामदल के अलावा झाविमो, झामुमो, सपा वगैरह ने हिमायत दिया।
बैठक की सदारत डा.बीपी केशरी ने की। झाविमो सरबराह बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में जमीन की लूट मची है। कुछ दलाल, कुछ अफसर आदिवासियों की जमीन लूट रहे हैं। धनबाद के पास रिंगरोड में आदिवासियों की जमीन एक्वाइर की गई। 70 लाख से एक करोड़ रुपये मिले, लेकिन आदिवासियों के हाथ एक पैसा नहीं आया। सब दलाल ले उड़े। जिनकी जमीन गई, वह खाली हाथ ही रहे। इसकी शिकायत सीएम और सीएस भी की। जांच में भी सही पाया गया। लेकिन, एक जांच के बाद फिर दूसरी जांच। आदिवासी को इस अमल में कहां इंसाफ मिल पाएगा। वह तो अदालत का चक्कर भी नहीं लगा सकता। वह अपने पेट का जुगाड़ करे कि अदालत का चक्कर लगाए। उन्होंने कानून की दुश्वारीयों पर भी सवाल उठाया। कहा, जमीन के नीचे कोयला है तो उसकी कीमत जमीन की मिलती है, जबकि जमीन के नीचे करोड़ों का कोयला है। बाबूलाल ने ज़मीन तहवील ऑर्डिनेंस के खिलाफ तहरीक में साथ चलने का वादा भी किया। साथ ही किसान कन्वेंशन व झारखंड बंद का भी हिमायत किया।
इसके पहले ज़मीन तहवील ऑर्डिनेंस पर सीपीआइ के रियसती सेक्रेटरी भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि ज़मीन तहवील कानून 2013 का तर्मीम लोकसभा में पेश हो चुका है। यह किसानों के लिए काला कानून है। यह कॉरपोरेट घराने व पूंजीपतियों के हक़ में है। इस कानून से पूरे मुल्क के किसान लुट जाएंगे। कानून को वापस कराने के लिए तमाम ओपोजीशन पार्टियों , कल्चरल अदारों, सामाजिक तंजीमो और दानिश्वर को एक प्लेटफोरम पर आना होगा। इसके लिए तजवीज दिया कि मार्च में किसान कन्वेंशन और अप्रैल में झारखंड बंद का ऐलान किया जाएगा। तजवीज का हिमायत बाबूलाल मरांडी ने भी किया और झामुमो के विनोद पांडेय ने भी। इसके साथ ही फैसल अनुराग, वासवी, सूर्य सिंह बेसरा, फादर स्टेन स्वामी, अरुण प्रधान, सपा लीडर मनोहर यादव, विस्थापन विरोधी जन विकास तहरीक के दामोदर तुरी, काशीनाथ सिंह, आलोका, जीतन मरांडी, आरएसपी नेता राधाकांत झा वगैरह ने तजवीज का हिमायत किया। डॉ.बीपी केशरीने कहा कि अब बडे़ तहरीक की जरूरत है, तभी झारखंड बचेगा। एहतेमाम केडी सिंह ने किया।
तहरीक को आगे बढ़ाने के लिए कमेटी तशकील की गई। इसमें भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, विनोद पांडेय, बीपी केशरी, स्टेन स्वामी, फैसल अनुराग, सूर्य सिंह बेसरा, अरुण प्रधान, मनोहर यादव, दामोदर तुरी, केएन पंडित, वासवी किड़ो, पीके गांगुली, उमेश, पंचानन महतो, मोती कच्छप वगैरह हैं।